राहु ऐक मायावी ग्रह
राहू वह धमकी है जिससे आपको डर लगता है |
-जेल में बंद कैदी भी राहू है |
राहू सफाई कर्मचारी है |
-स्टील के बर्तन राहू के अधिकार में आते हैं
-हाथी दान्त की बनी सभी वस्तुए राहू रूप हैं |
-राहू वह मित्र है जो पीठ पीछे आपकी निंदा करता है !
-दत्तक पुत्र भी राहू की देन होता है |
-नशे की वस्तुएं राहू हैं |
-दर्द का टीका राहू है |
-राहू मन का वह क्रोध है जो कई साल के बाद भी शांत
नहीं हुआ है, न लिया हुआ बदला भी राहू है |
-शेयर मार्केट की गिरावट राहू है, उछाल केतु है |
-बहुत समय से ताला लगा हुआ मकान राहू है |
-बदनाम वकील भी राहू है |
-मिलावटी शराब राहू है |
-राहू वह धन है जिस पर आपका कोई हक़ नहीं है या जिसे अभी तक लौटाया नहीं गया है |
ना लौटाया गया उधार भी राहू है !
उधार ली गयी सभी वस्तुएं राहू खराब करती हैं !
-यदि आपकी कुंडली में राहू अच्छा नहीं है तो किसी से कोई चीज़ मुफ्त में न लें क्योंकि हर मुफ्त की चीज़ पर राहू का अधिकार होता है |
-राहू ग्रह का कुछ पता नहीं कि कब बदल जाए जैसे कि आप कल कुछ काम करने वाले हैं लेकिन समय आने पर आपका मन बदल जाए और आप कुछ और करने लगें तो इस दुविधा में राहू का हाथ होता है | किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना का दावेदार राहू ही होता है | आप खुद नहीं जानते की आप आने वाले कुछ घंटों में क्या
करने वाले हैं या कहाँ जाने वाले हैं तो इसमें निस्संदेह राहू का आपसे कुछ नाता है | या तो राहू लग्नेश के साथ है या लग्न में ही राहू है | यदि आप जानते हैं की आप झूठ की राह पर हैं परन्तु आपको लगता है की आप सही कर रहे हैं तो यह धारणा आपको देने वाला राहू ही है !
-किसी को धोखा देने की प्रवृत्ति राहू पैदा करता है यदि आप पकडे जाएँ तो इसमें भी आपके राहू का दोष है और यह स्थिति बार बार होगी इसलिए राहू का अनुसरण करना बंद करें क्योंकि यह जब बोलता है तो कुछ और सुनाई नहीं देता |
-जिस तरह कर्ण पिशाचिनी आपको गुप्त बातों की जानकारी देती है उसी तरह यदि राहू आपकी कुंडली में बलवान होगा तो आपको सभी तरह की गुप्त बातें बैठे बिठाए ही पता चल जायेंगी | यदि आपको लगता है की सब कुछ गुप्त है और आपसे कुछ छुपाया जा रहा है या आपके पीठ पीछे बोलने वाले लोग बहुत अधिक हैं तो यह भी राहू की ही
करामात है |
-राहू रहस्य का कारक ग्रह है और तमाम रहस्य की परतें राहू की ही देन होती हैं | राहू वह झूठ है जो बहुत लुभावना लगता है | राहू झूठ का वह रूप है जो झूठ होते हुए भी सच जैसे प्रतीत होता है | राहू कम से कम सत्य तो कभी नहीं है |
-जो सम्बन्ध असत्य की डोर से बंधे होते हैं या जो सम्बन्ध दिखावे के लिए होते हैं वे राहू के ही बनावटी सत्य हैं |
-राहू व्यक्ति को झूठ बोलना सिखाता है बातें छिपाना, बात बदलना, किसी के विशवास को सफलता पूर्वक जीतने की कला राहू के अलावा कोई और ग्रह नहीं दे सकता |
-राहू वह लालच है जिसमे व्यक्ति को कुछ अच्छा बुरा दिखाई नहीं देता केवल अपना स्वार्थ ही दिखाई देता है |
-क्यों न हों ताकतवर राहू के लोग सफल? क्यों बुरे लोग तरक्की जल्दी कर लेते हैं | क्यों झूठ का बोलबाला अधिक होता है और क्यों दिखावे में इतनी जान होती है ? क्योंकि इन सबके पीछे राहू की ताकत रहती है |
-मांस मदिरा का सेवन, बुरी लत, चालाकी और क्रूरता, अचानक आने वाला गुस्सा, पीठ पीछे की वो बुराई, जो ये काम करे ये सब राहू की विशेषताएं हैं | असलियत को सामने न आने देना ही राहू की खासियत है।
राहु ग्रह
दोस्तों राहु कोई गृह नहीं है यह एक छाया ग्रह है आकाशमंडल में इस नाम का कोई गृह नहीं है आप ऐसा समझ सकते हो यह आपकी परछाई है जो हमेशा आपके साथ चलती है।विज्ञान की भाषा में राहु को नार्थ नोड ऑफ़ दी मून कहते है केतु को साउथ नोड ऑफ़ दी मून कहते है इसका मतलब है कि चंद्रमा का उत्तरी धुर्व और दक्षिणी धुर्व धरती का सूर्य की परिक्रमा का मार्ग और चंद्रमा का धरती की परिक्रमा का मार्ग अलग अलग है जहाँ यह दोनों रास्ते एक दूसरे को काटते है जब चंद्रमा इस मार्ग को काटते हुए उत्तर की और चला जाएगा उस पॉइंट को राहु कहते है और दक्षिण की और जाने पर उस रास्ते को काटने पर जो पॉइंट होता है वो केतु होता है जहाँ से कटाव बिंदु पॉइंट होते है वही राहु केतु होते है यह जो कटाव बिंदु है यह साँप के आकार में दिखाई देते है इसलिए राहु केतु को साँप का मुह और पूछ कहते है ।अब सवाल यह है कि राहु केतु हमेशा वक्री क्यों चलते है ।जहा पर चंद्रमा और धरती एक दूसरे को काट कर पॉइंट बनाते है वो जगह स्थिर नहीं है वो पीछे की और सरकता जाता है और 18 साल बाद फिर वही जगह पर आता है इसलिए कहा जाता है राहु केतु हमेशा उलटे चलते है मतलब वक्री यह भरचक पर करने में 18 साल लग जाते है राहु केतु को संपूर्ण राशि पार करने में 18 साल लग जाते हैं राहु केतु हमेशा आपको 180डिग्री पर मिलेंगे आमने सामने
देखा यह खेल है राहु केतु यह गृह नहीं असल में एक पॉइंट है।
*ज्योतिष की नज़र से राहु*
राहु को हिरण्यकश्यप की बेटी सिहिंका का पुत्र माना माना गया है सिहिंका कि शादी विप्रचित्त नाम के एक राक्षश से हुई थी यह उनकी ही देन है राहु महाराज
इसने भी अमृत पी रखा है धोखे से छल से आप सबको वो कथा पता ही है समुन्दर मंथन की अमृत पीने के चक्कर में इसने देवता का रूप बना लिया था और अमृत पी गया था भगवान् विष्णु से ने सर और धड़ अलग कर दिए थे अमृत पीने की वजह से यह मरा नहीं मुसीबत और बढ़ गई यह एक से दो हो गए भगवान् शिव की आराधना इन्होंने करी और नवग्रहों में स्थान पा लिया
आप सब एक चीज़ खुद बोलते है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता है तो फिर राहु आप सबका सगा कैसे हो जाएगा राहु पूरी की पूरी राजनीति है यह राहनीति का कारक ग्रह है जिस तरह वोट के लालच में इंसान हर तरीके के हथकंडे अपनाता है नेता आपके घर के सामने खड़े होते हम यह कर देंगे हम वो कर देंगे वोट ले जाते है फिर 5 साल तक शक्ल भी नहीं दिखाते यही है राहु जो कहा है उसको तो कभी भी करेगा ही नहीं अपना काम कैसे निकालना है यह राहु प्रधान इंसान बहुत अच्छी तरह से जानता है झूठ बोलता है यह सफ़ेद झूठ अपनी बातों में आपको फसा लेगा आपको ऐसा लगेगा जैसे कितना शरीफ इंसान है बाद में जब पता चलता है सब हैरान रह जाते है राहु के लिए कोई भी रिश्ता अहमियत नहीं रखता है उसको अपना मतलब सीधा करना है बस जैसे भी हो अपना काम निकाल लो तभी यह किसी भी गृह के साथ हो उसको शापित कर देता है उसकी ताकत का इस्तमाल करता है राहु जिस भी गृह के साथ होगा उसका बल राहु में आ जाएगा
राहु को हमेशा हिचकी आती रहती है इसके मुह से बदबू आती है शराब मॉस सिगरेट पीने का यह बहुत शौकीन है यह जुआ शेयर मार्कीट सेंसेक्स में उतार चढ़ाव लाता है राहु कुटिल बुद्धि बनाता है आज के युग में रही इन्टरनेट का कारक भी है आधे से ज्यादा लोग आपको फेक मिलेंगे कोई लड़की की id यूज़ कर रहा कोई लड़के की झूठ है इस पर भी
फ़ोन का कारक राहु है राहु के पास बस धड़ है हाथ पैर नहीं है इसलिए यह इंसान को दिमाग से मारता है राहु इन इंफॉर्मेशन को दूसरी जगह ले जाने का काम करता है किसी की चुगली करना या किसी बारे में उल्टा सीधा लिखना किसी की भी बुराई करना किसी का भी मजाक बनाना यह सब राहु का काम है
राहु के मित्र गृह
शुक्र शनि बुध है
चंद्रमा सूर्य मंगल इसके शत्रु है
गुरु इसका सम है
राहु की महादशा 18 साल की होती है
यह एक राशि में ढेड़ साल तक रहता है
कन्या राशि पर अपना अधिकार रखता है
मिथुन राशि इसकी उच्च राशि मानी जाती
राहु गृह जब भी फल देता है अचानक देता है ज़को अच्छे से अच्छे ज्योतिषी भी नहीं समझ पाते यह कब में क्या कर देगा क्योकि इसका फल जो भी होगा आपकी सोच से विपरीत होगा
राहु जिस भाव में भी होता है उस भाव से पंचम सप्तम और नवम भाव पर अपनी दृष्टि रखता है
राहु अगर कुंडली के दूसरे भाव पंचम भाव और नवम भाव में हो पितृ दोष बनाता है सूर्य और चंद्रमा के साथ यह ग्रहण लगाता है
राहु वर्षभ लगन मिथुन लग्न कन्या लगन तुला लग्न मकर लग्न कुम्भ लगन में अच्छा फल देता है
राहु की दोस्तों राक्षश लगन वालो के साथ है
देवता लगन से यह नफरत करता है
राहु की दशा में हमें बुरे बुरे सपने आते है नींद नहीं आती आपको ऐसा लगेगा आपके साथ कोई और भी है आपको डर लगेगा परछाई दिखेगी भरमीत करता है राहु
राहु अगर कुंडली में अच्छा हो आप को शेयर मार्कीट से राजनीति से जुए से बढ़िया पैसा दिलवाता है 2 नम्बर के काम से अच्छा पैसा आता है शीशे का काम हिम्मत सहास का काम से कामियाबी देता है
राहु कारक है
राजनीति अचानक कोई घटना हो जाय पाप कर्म मोटापा प्रेतबाधा दुःख शोक दुर्भाग्य शत्रुता करंट लगना संकट चिंता सर्प जहर निकलने वाले जहर बेचने वाले शराब पीना झूठ बोलना वैश्यो के साथ सम्बन्ध रखना खासी सास की बीमारी
राहु अगर कुंडली में अच्छा हो अचानक धन देता है करोड़ पति बना देता है राहु की अच्छी स्थति कुंडली में तेज शार्प बुद्धि दुश्मनो को दबा कर रखने वाला उनसे भी अपना काम निकालनेवाला बनाता है ऐसा इंसान मास्टर माइंड होता है वो प्लानिंग जबरदस्त करता है राहु दुसरो की मन की बात जल्दी जान लेता है और अपने भेद कभी भी किसी को नहीं देता है
राहु कभी भी कुछ भी कर सकता है ऐसा इंसान पैसा आसानी से कमा लेता है अगर राहु अच्छा हो क्योकि दिमागी तौर पर वो किसी को भी संतुष्ट कर देता है और कामियाबी हासिल कर लेता है ऐसा इंसान लाइफ में स्वार्थी होता है अपने बारे में ज्यादा सोचता है मलेछ गृह है अगर सप्तम भाव से इसका सम्बन्ध हो अपनी जाति से अलग यह विवाह भी करवादेता है राहु के अंदर शक करने की बीमारी है बहुत बड़ी यह शक करता है पति पत्नी में अगर सम्बन्ध कुंडली में राहु की वजह से खराब हो तो उसका एक कारण शक भी होता है क्योंकि राहु अक्सर ग़लतफ़हमी का.शिकार इंसान को बना देता है
राहु अच्छा भी है राहु बुरा भी है
लगन हमेशा दो तरीके के होते है में समझाता हूँ
मेष कर्क सिंह विरिश्चिक धनु मीन यह लगन देवता ग्रहो के है इन लगन का सञ्चालन देवता गृह करते है
सूर्य चंद्रमा मंगल और गुरु
वर्षभ मिथुन कन्या तुला मकर कुम्भ इन लग्नो का सञ्चालन
शुक्र बुध शनि राहु केतु करते है
राक्षश गृह
यह लगन 2 ग्रुप में है
राहु के नक्षत्र
आद्रा स्वाति और शतभिषा है
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