शुक्र शनी का योग
शुक्र शनी का योग शुभ फल देने वाला माना गया है | शनी शुक्र की सहायता करने वाला ग्रह अहि | शुक्र एक औरत है तो शनी उसकी आँख और जैसा की आपको पता है की औरत की आँखों की शरारत पूरी दुनिया को अपने इशारों पर नचाती है | जब ये दोनों एक साथ हो तो शुक्र काली कपिला गाय के समान उत्तम फल जातक को देता है | ऐसे सिथ्ती में कुंडली में बुध चाहे कैसी भी सिथ्ती में हो वो बुरा फल नही देगा | शुक्र गाय है तो शनी का काला रंग इसिलिय काली गाय इन दोनों के को दर्शाती है और काली गाय पर कोई भी जादू टोना असर नही किया करता है | आसमानी बिजली से बचने से बचाने के लिय घर के उपर लोहे की सलाख लगाई जाती है क्योंकि बिजली का अर्थ का एक तार शुक्र की जमीन में दबा दिया जाता है इसिलिय जिस घर पर ऐसी सलाख हो उस पर बिजली गिरने के चांस नही रहते | इस तरह जिस ग्रह में काली गाय हो या फिर मकान के उपर लोहे की सलाख उस घर में औरत की तरफ से तबाही नही होती |इन दोनों के एक साथ होने पर एक ख़ास बात होती है की जातक की कमाई उसके यारे प्यारे रिश्तेदार ही ज्यादा खा जाते है | और यदि जातक को जबान का चस्का हो तो वो उसकी बर्बादी का कारण बनता है | साथ ही इन दोनों का योग जातक को अपने से बड़ी उम्र की औरत किन तरफ भी ज्यादा आकर्षित कर देता है | शुक्र घी तो शनी काली मिर्च और इन दोनों का एक साथ सेवन उत्तम फल ही दिया करता है |
शनी शुक्र के साथ होने पर ख़ुशी अनुभव करता है जिसका एक कारण ये भी है की शुक्र की राशि तुला में आकर शनी उंच हो जाता है इसिलिय शनी हर प्रकार की सिथ्ती में शुक्र का सहायक सिद्ध होता है ।जिस प्रकार सूर्य की गर्मी शुक्र को जलाती है तो उसी प्रकार शनी का अंधेरा शुक्र को राहत प्रदान करता है| .यदि हम कालपुरुष की कुंडली देखें तो उसमे शुक्र धन कुटुंब परिवार और पत्नी के भाव के मालिक बनते है तो शनी देव हमारे कर्म आय इच्छाओं की पूर्ति भाव के मालिक । इस प्रकार इनका दोनों का योग एक शुभ फल प्रदान करने वाला सिद्ध होता है जैसे हमारे कार्य छेत्र में यदि हमे हमारे कुटुंब वाणी का अच्छा साथ मिल जाता है तो हमे सफलता आसानी से मिलने के योग बन जाते है ।पत्नी के द्वारा हमारी इच्छाओं की पूर्ति होना एक सुखद अहसास होता है ।बाकी पूर्ण फल तो कुंडली में अन्य ग्रहों की सिथ्ती और किस लग्न की कुंडली में किस भाव में कितने अंश पर इनका योग बन रहा है उनके पउपर निर्भर करेगा।
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