Tuesday, February 7, 2017

अध्भुत ग्रह राहू है क्या ?

अध्भुत ग्रह राहू  है क्या  ?

राहू के प्रभाव को समझने के लिय हमे उसके स्वरूप के बारे में समझना होगा | राहू एक ऐसा शरारती ग्रह  है जिसने भेष बदलकर देवताओं के साथ बैढ़कर अमृत पान किया था| वो किस समय क्या कर बैढे किसी को नही पता | बुध दुनियावी बुधि का कारक है तो राहू हमारी जन्म ज्मान्तर में इकक्ठी की हुई समझ का कारक है | किसी भी इंसान का जिनिअस होना किसी चीज का अविष्कार करना केवल राहू की मेहरबानी से ही हो सकता है| दिमाक से अचानक से किसी ख्याल का पैदा होने का कारक राहू ही है| राहू की इस्ट देवी सरस्वती देवी को माना जाता है जो चिंतन की और चिंतन की गहराई की प्रतीक है| इसिलिय  किसी  चीज  का  गहराई  से  अध्ययन  की कला  भी  राहू  ही  देता  है |
दुसरे शब्दों में राहू बुधि का ऐसा प्रयोग करवाता है की करने वाला समझ ही नही पाता की उसने ऐसा क्यों किया | इसिलिय राहू का सभी परा शक्तियों के उपर अधिकार माना जाता है | ये शक्तियां इंट्यूशन टलोपैथी और आत्माओं को बुलाने वाली सबतरह की परा शक्तियां है|
राहू का सपनों केसाथ बहुत सम्बन्ध है | राहू हमारे अचेत मन में दबे हुवे डर खोफ को उपर चेतन मन की सीमा में ले जाता है इसिलिय जो यथार्थ से परे है उसे यथार्थ की सीमामें लाकर राहू दिखा देता है | इसके लिय काल की कोई सीमा नही | इसिलिय  जिनका  राहू  अच्छा  होता है  उनके सपने  अक्सर  सच  होते  है और किसी  भी  भविष्य में  घटने  वाली  घटना  का  उन्हें   पहले  आभाष   हो  जता  है  |
राहू ऐसी मौत का भी कारक है जो अनजाने में ही कोई जहरीली चीज खाने से याअचानक से कोई दुर्घटना होने से या बेहोशी की हालत में होती है | यानी रहू जातक का होश ख़त्म कर देता है और मौत को भी सलाह देता है की इंसान के पास जाने से पहले उसका होशमंदी से नाता तोड़ दे| ऐसे   में  बैठे  बिठाए  किसी  को मारने  का ख्याल  आ  जाना  या  फिर  खुद  मरने  का  ख्याल  आ  जाना  राहू  ही देता   है | अचानक  से  जीवन में घटने  वाली  घटनाओं  को  कारक  इसे  ही   माना  जाता  है | ऐसी  घटना  जिसके कारण  भी जातक  को   कई बार  समझ  में नही  आते  की   ये  उसके  साथ  कैसे  और क्यों  हुआ  उसका  अप्रत्यक्ष  रूप  से  कारण   राहू  ही है | राहू भूल भैलया देता है साथ ही गहरी चोट का भी कारक होता है जैसे लकवा हो जाना राहू की ही एक बीमारी है जिसका कारण सही से आज तक समझ नही आया बैढे बैढे इंसान अचानक से लकवा ग्रस्त हो जाता है |राहू अविष्कार का भी कारक है जैसे किसी के पास चाबियों का एक गुच्छा है और एक ताला खोलना है तो जिसमे बुध की समझ होगी वो उस ताले के आकर आदि से ताली का अनुमान लगाकर ताला खोलता है और जिसमे समझ नही होगी वो उस ताले के मुह से बड़ी चाबी भी लगाकर खोलने की कोशिश में समय बर्बाद करता है लेकिन जब न्यूटन के उपर सेब गिरा और उसने गुरुत्वाकर्षण की खोज की तो उसमे जो अचानक से इसकी समझ आई वो बुध की न होकर राहू की थी| संसार  में  काल्पनिक  डर का  सोच –विचार  इंसानी   दिमाक में  विचार  की  लहरें और कल्पना  शक्ति  का  स्वामी  राहू   है |जातक  को  शत्रुओं  से  बचाने  वाला  और उनका  नाश  करने  वाला  भी  यही  राहू  है  | चोट  लगने  पर  फूंक  मार  कर  ठीक   कर  देने  का  कमाल   भी  राहू  का  ही  है | ये  नीले आसमान  का  स्वामी है   जिसकी  सहायता  करने  पर उतारू  हो  जाए  उसके  सामने  सारी  दुनिया  को  झुका  दें | नीला  आसमान  जिसका  कोई  पार   न पाया  जा  सके  इसिलिय  राहू   की  सिफ्फ्त  वाले इंसान  को पार  पाना  किसी  के  वस  की  बात  नही होती |
हथेली  में  इसका  कोई   पर्वत  नही   क्योंकि   ये  पार्थिव  ग्रह  न  होकर  केवल  छाया  ग्रह  है इसिलिय  हथेली  में इसका   निशान  जाल   माना  गया  है |
राहू की  सरस्वती  देवी  आराध्य  मानी  गई  है   ये  नीलम  हाथी  दांत विणा सोच  विचार  , बिजली , प्लेग , ख़ुफ़िया पुलिस  का  महकमा , जेल , ससुराल , काला  काना  इंसान  . बेऔलाद  इंसान , बिल्ली , जंगली  चूहा , मकार  इंसान , काटेदार  घास ,  सिक्का  धातु , नीला  थोथा  , जंग , नारियल , पायजामा , पतलून , हाथी , धुंवा  आदि  का  कारक  राहू   को   लाल  किताब  में  माना गया  है | सब कुछ होते  हुवे  भी   ककुछ  न  होने  का   अहसास  राहू  के कारण   ही  होता  है | बैठे  बिठाए  किसी को  मारने  का   ख्याल  या  आत्महत्या  के ख्याल  राहू  की  ही  उपज   होते  है | ये  जिस  भी   भाव   में हो   उसके  फलों  में   विरधी   को  रोकता   है  | राहु का पहला कार्य होता है झूठ बोलना और झूठ बोलकर अपनी ही औकात को बनाये रखना,वह किसी भी गति से अपने वर्चस्व को दूसरों के सामने नीचा नही होना चाहता है। अधिकतर जादूगरों की सिफ़्त में राहु का असर बहुत अधिक होता है,वे पहले अपने शब्दों के जाल में अपनी जादूगरी को देखने वाली जनता को लेते है फ़िर उन्ही शब्दों के जाल के द्वारा जैसे कह कुछ रहे होते है जनता का ध्यान कहीं रखा जाता है और अपनी करतूत को कहीं अंजाम दे रहे होते है,इस प्रकार से वे अपने फ़ैलाये जाल में जनता को फ़ंसा लेते है.
राहु का कार्य अपने प्रभाव में लेकर अपना काम करना होता है,सम्मोहन का नाम भी दिया जाता है,जो लोग अपने प्रभाव को फ़ैलाना चाहते है वे अपने सम्मोहन को कई कारणों से फ़ैलाना भी जानते है,जैसे ही सम्मोहन फ़ैल जाता है लोगों का काम अपने अपने अनुसार चलने लगता है। जैसे पुलिस के द्वारा अक्सर शक्ति प्रदर्शन किया जाता है,उस शक्ति प्रदर्शन की भावना में लोगों के अन्दर पुलिस का खौफ़ भरना होता है,यही खौफ़ अपराधी को अपराध करने से रोकता है,यह खौफ़ नाम का सम्मोहन फ़ायदा देने वाला होता है।
राहु की जादूगरी से अक्सर लोग अपने को दुर्घटना में भी ले जाते है,जैसे उनके अन्दर किसी अच्छे या बुरे काम को करने का विचार लगातार दिमाग में चल रहा है,अथवा घर या कोई विशेष टेंसन उनके दिमाग में लगातार चल रही है,उस टेंशन के वशीभूत होकर जहां उनको जाना है उस स्थान पर जाने की वजाय अन्य किसी स्थान पर पहुंच जाते है,अक्सर गाडी चलाते वक्त जब इस प्रकार का कारण दिमाग में चलता है तो अक्समात ही अपनी गाडी या वाहन को मोडना या साइड में ले जाना या वचारों की तंद्रा में खो कर चलना दुर्घटना को जन्म देता है,राहु की यह कार्यप्रणाली बहुत ही खतरनाक होती है.
है।राहु शराब के रूप में शरीर के खून में उत्तेजना देता है,मानसिक गति को भुलाने का काम करता है लेकिन शरीर पर अधिक दबाब आने के कारण शरीर के अन्दरूनी अंग अपना अपना बल समाप्त करने के बाद बेकार हो जाते है,यह राहु अपने कारणों से व्यक्ति की जिन्दगी को समाप्त कर देता है.लाटरी जुआ सट्टा के समय राहु केवल अपने ख्यालों में रखता है और जो अंक या कार्य दिमाग में छाया हुआ है उस विचार को दिमाग से नही निकलने देता है,सौ मे से दस को वह कुछ देता है और नब्बे का नुकसान करता है.
ज्योतिष के मामले में राहु अपनी चलाने के चक्कर में ग्रह और भावों को गलत बताकर भय देने के बाद पूंछने वाले से धन या                 औकात को छीनने का कार्य करता है.| आपने  देखा  होगा  की कुछ  लोग  फेसबुक  पर  अपना  नम्बर  देते है  और  फिर  बोलते  है  की  आपका  ये ग्रह   खराब है  ऐसा  करे  नही  तो आपका  बहुत   बुरा  होगा  और  इस  दोष  को   दूर  करने के  लिय  इतने  हमे  दें  वो  भी  साक्षात  राहू  का ही  कार्य  कर  रहे  होते है
*आपने  कुछ  ज्योतिष्यों  के  स्टेट्स  पढ़े  होंगे  जिनमे  वो लिखते है की   वो  हर  रोज  200 २५०  काल  रिसीव  करते है  १००   से  उपर  कुंडलिया  देखते  है  और  मेसेज  का   पता  ही  नही  कितने  को जवाब  देते  है जहां  तक हमे  पता  है की  वास्तिवक   जीवन  में  ऐसा  सम्भव  नही है क्योंकि  ऐसा  किसी  मानव के  बस   का कार्य  तो  होता  नही  उपर  से  facebook  पर  हर  रोज  कई  पोस्ट  भी करते  है  और  उन  पर आये  पोस्ट  का जवाब  भी  देते   है ,  फिर  भी  वो  अपनी  कुटिलता  का  जाल  फैलाकर  लोगों  को  उलझा  लेते  है और   ये  सब  भी  राहू  की ही करामात  है |* मिनटों  में  आपकी  समस्या  का  हल  करने  वाले  भी  राहू  के  ही  समान   है  | जिस  प्रकार  राहू  ने  छल  कपड  से  अमृत  का पान  किया  था इसी  प्रकार  इन लोगों  का  उद्देश्य  भी  अपने  प्रपंच  द्वारा  लोगो   को लूटना  होता  है |
जो  लोग  फेक id  बनाकर  फेसबुक  पर है  और  अपनी  असली  pic  की जगह  किसी  अन्य   की pic  लगाते है  उनमे  भी  राहू  की  ही  सिफत  छुप्पी हुई  होती है  क्योंकि  राहू ने  भी  रूप  बदलकर  अमृत  पान  किया  था  |
बिना  किसी  कारण   के  किसी  की  पोस्ट  पर जाकर  बकवास  करना  या  अश्लील  पोस्ट  करना  भी  खराब  राहू  वाले के  ही लक्ष्ण   है | राहू  में अवगुण   है  तो  इसमें गुण भी  है  इसिलिय  कहा  जाता है  की  जिसे  राहू  तारे  उसे  कौन मारे  | जीवन में होने  वाले  अविष्कार  राहू  की  ही दें   होते है | अचानक से मिलने  वाली  सफलता  भी राहू   की  ही  दें  है जैसे  की  अचानक  से  कोई  आदमी  किसी  विशेष   कारण  से  प्रसिद्ध  हो जता है  सभी  न्यूज़  चैनल  न्यूज़  पपेर  में उसी की  चर्चा होती  है चाहे  ये  प्रिसिधि  उसे  किसी  अच्छे  या   बुरे  किसी  भी  कार्य  के लिय  मिली हो लेकिन राहू  द्वारा दी  गई  ऐसी  प्रसिधी  ज्यादा  दिन नही  चलती  और  लोग  कुछ  ही दिनों में  उसे भूल  जाते है | राजनीति में किसी  नेता  को  अचानक से   मिलने वाली  भारी  भरकम  सफलता के पीछे  भी  राहू   ही  होता  है  जैसा  की  आपको  पता  है  की  छल कपट  राजनीति  का  अहम  हिस्सा  होता  है |

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