तिथि विवरण
1 प्रतिपदा तिथि- यह वृद्धि और सिद्धप्रद तिथि है। स्वामी अग्नि देवता, नन्दा नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में अशुभ, कृष्ण पक्ष में शुभ। इस तिथि में कूष्माण्ड दान एवं भक्षण त्याज्य है।
2 द्वितीया- यह सुमंगला और कार्य सिद्धिकारी तिथि है। इसके स्वामी ब्रह्मा हैं। भद्रा नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में अशुभ, कृष्ण पक्ष में शुभ । इस तिथि में कटेरी फल का दान और भक्षण त्याज्य है।
3 तृतीया तिथि- यह सबला और आरोग्यकारी तिथि है। इसकी स्वामी गौरी जी हैं। जया नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में अशुभ, कृष्ण पक्ष में शुभ । इस तिथि में नमक का दान व भक्षण त्याज्य है।
4 चतुर्थी तिथि- यह खल और हानिप्रद तिथि है। इसके स्वामी गणेश जी हैं। रिक्ता नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में अशुभ, कृष्ण पक्ष में शुभ । इस तिथि में तिल का दान और भक्षण त्याज्य है।
5 पंचमी तिथि- यह धनप्रद व शुभ तिथि है। इसके स्वामी नागराज वासुकी हैं। पूर्णा नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ । इस तिथि में खट्टी वस्तुओं का दान और भक्षण त्याज्य है।
6 षष्ठी तिथि- कीर्तिप्रद तिथि है। इसके स्वामी स्कंद भगवान हैं। नन्दा नाम से ख्याति, शुक्ल व कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायी, तैल कर्म त्याज्य।
7 सप्तमी तिथि- मित्रप्रद व शुभ तिथि है। इसके स्वामी भगवान सूर्य हैं। भद्रा नाम से ख्याति, शुक्ल व कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम, आंवला त्याज्य।
8 अष्टमी तिथि- बलवती व व्याधि नाशक तिथि है। इसके देवता शिव जी हैं। जया नाम से ख्याति, शुक्ल व कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम, नारियल त्याज्य।
9 नवमी तिथि- उग्र व कष्टकारी तिथि है। इसकी देवता दुर्गा जी हैं। रिक्ता नाम से ख्याति, शुक्ल व कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम, काशीफल (कोहड़ा, कद्दू) त्याज्य।
10 दशमी तिथि- धर्मिणी और धनदायक तिथि है। इसके देवता यम हैं। पूर्णा नाम से ख्याति, शुक्ल व कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम, त्याज्य कर्म परवल है।
11 एकादशी तिथि- आनंद प्रदायिनी और शुभ फलदायी तिथि है। इसके देवता विश्व देव हैं। नन्दा नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में शुभ, कृष्ण पक्ष में अशुभ, त्याज्य कर्म दाल है।
12 द्वादशी तिथि- यह यशोबली और सर्वसिद्धिकारी तिथि है। इसके देवता हरि हैं। भद्रा नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में शुभ, कृष्ण पक्ष में अशुभ, त्याज्य कर्म मसूर है।
13 त्रयोदशी तिथि- यह जयकारी और सर्वसिद्धिकारी तिथि है। इसके देवता मदन (कामदेव) हैं। जया नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में शुभ, कृष्ण पक्ष में अशुभ, त्याज्य कर्म बैंगन है।
14 चतुर्दशी तिथि- क्रूरा और उग्रा तिथि है। इसके देवता शिवजी हैं। रिक्ता नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में शुभ, कृष्ण पक्ष में अशुभ, त्याज्य कर्म मधु है।
15 पूर्णिमा तिथि- यह सौम्य और पुष्टिदा तिथि है। इसके देवता चंद्रमा हैं। पूर्णा नाम से ख्याति, शुक्ल पक्ष में पूर्ण शुभ, त्याज्य कर्म घृत है।
30 अमावस्या तिथि- पीड़ाकारक और अशुभ तिथि है। इसके स्वामी पितृगण हैं। फल अशुभ है, त्याज्य कर्म मैथुन है।
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