सप्तम भाव का चन्द्र
सप्तम भाव हमारे विवाहिक जीवन का,व्यापार का,डेली इनकम का,साझेदारी में व्यवसाय आदि का माना जाता है और साथ ही ये भाव मारक भाव भी होता है| आज हम इस भाव में चन्द्र होने पर उसके सामान्य फ्लो की चर्चा करेंगे|
लाल किताब कहती है की जिस जातक की कुंडली में सप्तम भाव में चन्द्र हो और वो अपनी उम्र के 24 वें साल में शादी करे तो उसको इसका बुरा फल मिलता है| ऐसे में जातक का ग्रहस्थ सुख में कमी आ जाती है माता के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है|
जिस जातक का चन्द्र सातवें भाव में हो उसे कई बार अपने व्यवसाय भी बदलने पड़ जाते है| कई बार जातक का व्यवसाय भी घुमने फिरने से सम्बन्धित होता है| यदि ऐसा जातक वस्तु खरीद कर उसे बेचने का कार्य करे तो उसे सफलता मिलती है| यदि यहाँ का चन्द्र अशुभ हो नीच राशि में या मकर राशी में हो तो जातक को चन्द्र से सम्बन्धित व्यवसाय जैसे दूध पानी आदि का कार्य लाभ नही देता है|
चूँकि कालपुरुष की कुंडली में यहाँ शुक्र की राशि आती है ऐसे में जातक दूसरी स्त्रियों में आशक्त रह सकता है और लग्न पर चन्द्र की दृष्टी होने से जातक का स्वभाव शांत और सोम्यं होता है|
इस भाव में चन्द्र होने पर जातक की पत्नी की उसकी सास यानी जातक की माता केसाथ सम्बन्ध अच्छे नही रहते दोनों के विचार आपस में नही मिलते है|
इस भाव में चन्द्र के साथ गुरु की युति ज्यादा शुभ फल नही द्देती क्योंकि यहाँ कल्ल्पुरुष की कुंडली केअनुसार शुक्र की राशि आती हैऔर शुक्र की राशी में गुरु अपना शुभ फल नही दे पाता|
चन्द्र सूर्य का अशुभ फल ही जातक को मिलता है इसका कारण ये है की सूर्य यहाँ नीच का हो जाता है और चन्द्र छिण होने के कारण पापी हो जाता है और इसका दुस्पर्भाव जातक के विवाहिक जीवन और जातक की माता पर पड़ता है|
चन्द्र शुक्र का योग इस भाव में शुभ फल देता है क्योंकि शुक्र अपने ही कारक भाव में होता है|
मंगल चन्द्र कायोग शुभ फल ही देता है | लेकिन मंगल यदि दूषित हो रहा हो तो समस्या पैदा कर देता है|
सातवें भाव में चन्द्र के साथ बुध कासाथ कोई ज्यादा शुभ फल नही देता | जातक को चाहे पैसे की कमी न हो फिर भी जीवन में कोई न कोई कठिनाई आती रहतीहै\
चन्द्र शनी का योग जातक को शुभ फल नही देता हालांकि शनि इस भाव में उंच का माना जाता है लेकिन जातक की माता और मानसिक सुख में कमी करता है जातक को अपना खुद का धन खर्च करने में ही परेशानी होती है|
चन्द्र के साथ राहू का होना बहुत अशुभ फल देता है| ऐसे जातक को एक काल्पनिक वहम सा रहता है जिस से वो अपनी जिन्दगी का पूर्ण आनंद नही ले पाटा है| जातक के सुसराल से सम्बन्ध भी ठीक नही रह पते ही या ससुराल वालों की हालत सही नही रह पाती है|
चन्द्र के साथ केतु का योग भी शुभ फल नही देता| इस योग सेजातक की माता को शरीर के किसी हिस्से में लम्बे समय तक दर्द का सामना करना पड़ जाता है\
यदि किसी भी जातक का चन्द्र सप्तम भाव में हो और जब उसकी शादी हो तोउसकी पत्नी अपने वजन के बराबर चावल अपने साथ लेकर आये और घर में चावल का पप्रवेश उस से पहले हो वो चावल हमेशा घर में कायम रहे तो विवाहिक जीवन सुखी रहता है चन्द्र का दुस्प्रभाव जातक पर नही पड़ता है| जातक जब भी अपनी माता का अपमान करेगा या उसको दुःख देगा उसको मुशिबतों कासामना करना पड़ेगा ऐसे में हमेशा अपनी माँ का समान और सेवा आवश्यक है| जातक को चाहिए की कभी भी दूध पानी न बेचे|
1 comment:
Nice
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