Saturday, February 4, 2017

बुद्ध राहू का योग

बुद्ध  राहू  का  योग 

राहू हाथी  होता  है  तो  बुद्ध  उसकी  सुनड होता  है  राहू  की  सुनड उसकी  मददगार  सिद्ध  होती  है  और  उसे  हर  प्रकार  की  सहायता प्रदान करती  है  इसी  प्रकार  यदि  कुंडली में  राहू  बुद्ध  एक  साथ हो  तो  बुद्ध  राहू को  मददगार  सिद्ध होता है  | बुद्ध  हमारी बद्धि  है  तो  राहू हमारी  समझ  |  अपनी   बुद्धि  के  बल  पर  किसी  नई  चीज  का अविष्कार  कर  लेना  इन  दोनों  की  ही करामात  होती  है  | जब  ये  दोनों  साथ  हो  और  जातक को  अच्छा  फल  दे   रहे हो  तो जातक  हर रोज  कुछ  न कुछ  नया  करने  की  सोचता  रहता है  और  उसे  इसमें  कामयाबी  भी मिलती  है  | नई चीजों  का  अव्विष्कार   करना  उसकी  फितरत  बन जाती  है  |
लेकिन  यदि  इन  दोनों  का  योग  अशुभ  फल  दे  रहा  हो  तो  जातक  को  पागल  खाना  जेल  खाना  या  विराना  नसीब  होता  है यानी  की  या तो  जातक  जगल  वीरान  जगह  में  जाकर  रहने  लग  जाता  है ,  या उसको  दिमाकी  सदमात  हो  जाते  है  या  किसी  कारण  से  उसे जेल  जाना  पड़  जाता  है  \ इन दोनों  का योग  मकड़ी  के जाले के  रूप  में हम  देख  सकते  है  और कहते है की मकड़ी  अपने  बनाये  हुवे  जाले  में  ही उलझ कर  मर जाती  है  यानी  की ऐसे  इंसान को उसके  खुद  के दिमाक की  खराबी  ही बर्बाद  कर  देती है \ वैसे  भी  मकड़ी का  जाला घर  में शुभ  नही  माना  जाता  |
आपने  अक्सर  भूल  भलिया देखा  होगा  वो इन  दोनों  के  इक्कठे  होने  का  ही  प्रतीक  होता  है  |  जिस  प्रकार  भूल  भलिया  में  इंसान  उलझ  कर  रह  जाता  है  और  उसे  समझ  नही  आता  की  जाना कान्हा  है  वैसे  ही  ऐसा  जातक  व्यापार  शिक्षा  आदि  में उलझ  जाता  है  बार  बार  नुक्सान  या बाधा  आती  है  और  उसे  समझ  में नही  आता  की  करना क्या  है  |
एक पक्षी  होता  है  टिटहरी  जो  रात  को  अपने  पैर  उपर करके  सोता  है  उसे भय होता है  की  रात को  आसमान  निचे  गिर  पड़ेगा  और उसके  बच्चों  की  जान  ले लेगा  ऐसी  ही  हालत  कई  बार ऐसे  इंसान  की  हो  जाती  है  और  उसे  व्यर्थ   का  भय   बना  रहता  है \
तूफ़ान  राहू  होता है  लेकिन जब तूफ़ान  में  साथ  में  रेत भी  उड़  रही हो  तो  वो  इन  दोनों  के योग  का  ही  एक  स्वरूप होता  है और जैसा की  आपको  पता  है  की  धुल  भरी आंधी में कुछ  देखना  काफी  मुस्किल हो जाता  है \
बुद्ध  लडकी होता है  और जब किसी  लडकी  की  कुंडली में इन दोनों का  योग  हो  तो लडकी का  दिमाक  भ्रमित करने का कार्य  राहू कर  देता  है  ऐसे  में कई   बार लडकी  घर  से  भाग  जाती है  और  दुसरे  धर्म के इन्सान के साथ  शादी कर  लेती  है \ बुद्ध  वाणी  है  तो  राहू  रुकावट  इसिलिय  जब  राहू  का बुद्ध  पर  प्रभाव  हो  तो  वाणी  में हकलाहट की  समस्या  भी  जातक को  झेलनी  पड़   सकती है  \
हर  चीज  के  दो  पहलु  होते  है  जैसे  की  उपर  मैंने  पागलखाना  लिखा  तो  यदि  इनका  योग  शुभ  हुआ  तो जातक  पागलों  का  डॉक्टर  बन  सकता  है , जेल  में  जेलर  बन सकता  है  और वीराने में  कोई  साधू  जैन  संत  बन   सकता  है  \
कुंडली  में  यदि  इनका  योग  दुस्प्रभाव  दे  रहा हो  तो  जातक की  बहन  हुआ  या  बेटी  किसी एक को  भी किसी  न  किसी  समस्या  का  सामना  करना  पड़  जाता  है  \
यदि  आपमें  से  किसी  की  कुंडली  में ये  योग  है  तो आप  उपाय  के लिय  कच्ची  मिटटी  की 100 गोलिया बनाये  और  उसमे  से  एक  गोली  हर  रोज  किसी  धर्म  स्थान में दे  आये  \  ऐसा  लगातार  100 दिन  करना  है  \ धर्म  स्थान  बदल  सकते है  लेकिन  बिच  में  ये  न छोडे|

No comments: