शनी देवता ।
मित्रों आज लाल किताब में जो शनी देव की व्याख्या की गी उस पर संछिप्त में प्रकाश डाल रहा हूँ| जैसाकी आपको पता है की शनी देव का रंग काला माना गया हैऔर काले रंग के उपर कोई भी अन्य रंग नही चढ़ता| शनी का सांप जो जहरीला होता है वो कईबार इच्छाधारी सांप भी बन जाता है जो जिसकी मदद करने पर आये उसे तार देते है|
शनी के एक ख़ास बात है की जब इसके मुकाबले पर दुसमन ग्रह बढ़ते जाते है इसकी ताकत बढती जाती है| लेकिन गुरु के खाना में शनी देव कभी बुरा फल नही देते लेकिन यदि जातक कोई पाप करता है तो उसका फल शनी देव राहू केतु के माध्यम से फल देते है| राहू केतु को शनी के एजेंट माना गया है जो शनी के हुकुम के अनुसार जातक का फैसला करते है|
सातवें बारवें भाव में शनी देव विधाता की कलम माना गयाहै जो जातक की किस्मत को लिखता है| यदि शनी ग्यारह में हो तो ऐसे बच्चे का भाग्य विधाता की कलम से लिखा जाता है जबकि शनी दसम भाव में हो तो जातक के भाग्य की कलम की स्याही शनी होता है| | शनी किस्मत का साथी होता है जो पाप की कलई स्याही को धो देता है|
शनी पापी ग्रह माना गया है जो अपने पाप के वक्त राहू केतु पैदा कर देता है और जातक को जड़ से खत्म करने का बहाना त्लासता है सूर्य जो रौशनी का मालिक है शनी जो अँधेरे का मालिक है इसके खिलाफ चलता है यानी ये हमेशा ही सूर्य के खिलाफ चलता है लेकिन यदि अकेले शनी देव जातक की कुंडली में नेक फल देने वाले हो जाए बाकी सबग्रहों से बढ़कर ये शुभ फल देगा| ये जातक की नैया को अकेला ही पार लगा देता है| जातक के लिय भाग्यशाली सिद्ध होगा| शनी देव अपनी नजर से ही काले पथर को भी कोहिनूर पथ्थर में बदलने की ताकत रखते है| ये यदि बुरा करेगा तो बिजली की तरह जातक पर गिरेगा और यदि भला करेगा तो इच्छाधारी सांप की जातक की हर इच्छा पूरी करेगा|
शनी जो पानी का भरा हुआ मटका यानी की कुम्भ राशि के मालिक है और मुर्दे के सर पर पानी का मटका फोड़ा जाता है ताकि यदि जातक की खुद की किस्मत में जीवन है तो वो बोल उठेगा| पानी का भरा हुआ घडा शुभ काम करते समय सामने रखना भी शुभ माना गया है|
शनी की एक खासियत लाल किताब में मानी गई है की ये कभी इकलोते पुत्र और गर्भवती स्त्री पर कभी हमला नही करता उनके सामने आने पर येखुद अंधा हो जाता है| हालांकि शनी देव खुद नजर के मालिक माने गये है| शनी देव मकान के भी मालिक माने गये है जबकि शनी के सांप अपना बिल कभी खुद नही बनाते| जरुरुत पड़ने पर शनी देव के मित्र शुक्र की जमीन खुद फटकर उसे पनाह दे देती है|
शनी देव प्रबल वाले इंसान की आँख सांप की तरह टक टक करके देखने वाली होती है| उसकी आँखे गहरी और काले रंग की होगी}| भवों पर बाल कम होंगे| जातक अपनी आँखों को बहुत देर बाद झपकाने वाला होगा| अपनी बात से सामने वाले को पता नही लगने देगा की इसका असली मकसद क्या है| अगर मदद पर हुआ तो दूसरों की मदद के लिय अपना सब कुछ न्योछावर कर देगा और यदि दुश्मनी पर हुआ तो सामने वाले को बिलकुल बर्बाद कर देगा| कान छोटे होंगे और लोगों केहुजूम से अलग बठने का आदि होगा|
शनी के मकान की ये निशानी लाल किताब में बताई गईहै| घर के मुख्य दरवाज़े की दहलीज बेरी सिसम या किकर के पेड़ की होगी| छत पर भी इंधन का समान होगा| मकान में खम्भे होंगे यानि थ्मभ होंगे| घर माँ मुख्य दरवाज़ा पश्चिम दिशा में होगा| मकान के अंत में एक अँधेरी कोठरी दाए हाथ पर होगी| घर की छत में भी लकड़ियों का अधिक्त प्रयोग होगा हालांकि आजकल हम लोहे के गाटर को उसकी जगह ले सकते है| मकान में पुराना गडा हुआ कोई पथर होगा| हालांकि आज के आधुनिक समय मेंये सभी चीजें नही मिलती|
शनी के बुरेफल की निशानी ये है की मकान गिर जाए, मकान में आग लग जाए, भैंस मर जाए, जिस्मपर से बाल बिना किसी बिमारी के उड़ जाए पलकों के, तो उस जातक का शनी खराब हूँ गया ऐसा माना गयाहै| जिसका शनी खराब हो उसे कीकर की दातुल मददगार सिद्ध होती है जबतक की सर के बाल सफेद न हो या आँखों का पानी न सुक जाए|
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