Sunday, February 12, 2017

पित्र दोष :: प्रभाव ,कारण ,निवारण.

पित्र दोष :: प्रभाव ,कारण ,निवारण.
घर में पितृ दोष होगा तो घर के बच्चे की शिक्षा , दिमाग , बाल , व्यवहार पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता ।* जिन जातकों को पितृ दोष होता है उनके बहुत से कारण होते है की हमारे अपने पितरों से सम्बन्ध अच्छे नहीं हो पाते , कारण , आपके जीवन में रुकावटें , परेशानियाँ और क्या नहीं होता* पितृ दोष कही न कही अनेको दोषों को उत्पन्न करने वाला होता है जैसे की वंश न बढ़ने का दोष , असफलता मिलने का दोष , बाधा दोष और भी बहुत कुछ । तो पित्र पक्ष में की गयी पूजा और तर्पण अगर विधि विधान और मन लगाकर किया जाए तो अच्छे फल देने वाली सिद्ध होती है ।* बालो पर सबसे पहले प्रभाव पड़ता है , जैसे की , समय से पहले बालों का सफ़ेद हो जाना , सिर के बीच के हिस्से से बालों का कम होना , हर कार्य में नाकामी हाथ लगाना , घर में हमेशा कलह रहना , बीमारी घर के सदस्यों को चाहे छोटी हो या बड़ी घेरे रखती है , यह सब लक्षण पितृ दोषघर में है इसको बताते है । और अगर घर में पितृ दोष है तो किसी भी सदस्य को सफलता आसानी से हाथ नहीं लगती ।* पितृ दोष कुंडली में है अगर , तो कुंडली के अच्छे गृह उतना अच्छा फल जितना उन्हें देना चाहिए ।* घर के सभी लोग आपस में झगड़ते है , घर के बच्चों के विवाह देरी से होते है , और काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है विवाह करने में , घर में धन ना के बराबर रुकेगा अगर पितृ दोष हावी है तो , बीमारीया फिर क़र्ज़ देने में धन चला जायेगा जुडा हुआ धन , पुरानी चीजे ठीक कराने में धन निकल जायेगा पर रुकेगा नहीं ।* परिवार की मान और प्रतिष्ठा में गिरावट आती है , पितृ दोष के कारण घर में पेड़-पौधे या फिर जानवर नहीं पनप पाते । घर में शाम आते आते अजीब सा सूनापन हो जायेगा जैसे की उदासी भरा माहौल , घर का कोई हिसा बनते बनते रह जायेगा या फिर बने हुए हिस्से में टूट-फुट होगी , उस हिस्से में दरारे आ जाती है ।* घर का मुखिया बीमार रहता है , रसोई घर के अस - पास वाली दीवारों मेंदरार आ जाते है । जिस घर में पितृ दोष हावी होता है उस घर से कभी भी मेहमान संतुष्ट होकर नहीं जायेंगे चाहे आप कुछ भी क्यूँ न कर ले या फिर कितनी ही खातिरदारी कर ले , मेहमान हमेशा नुक्स निकाल कर रख देंगे यानी की मोटे तौर पर आपकी इज्ज़त नहीं करेंगे ।* घर में चीजे और साधन होते हुए भी घर के लोग खुश नहीं रहते । जब पैसे की जरुरत पड़ती है तो पैसा मिल नहीं पाता । ऐसे घर के बच्चों को उनकी नौकरी या फिर कारोबार में स्थायित्व लम्बे समय बाद ही हो पाताहै , बच्चा तेज़ होते हुए भी कुछ जल्दी से हासिल नहीं कर पायेगा ऐसी परिस्थितियाँ हो जायेंगी ।* जिस घर में पितृ दोष होता है उस घर में भाई-बहन में मन-मुटाव रहता ही रहता है , कभी कभी तो परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती है की कोई एक दूसरे की शकल तक देखना पसंद नहीं करता । पति-पानी में बिना बात के झगडा होना भी ऐसे घर में स्वाभाविक है जिस घर में पितृ दोष हो ।* ऐसे घर के लोग जब एक दूसरे के साथ रहेंगे तो हमेशा कलेश करके रखेंगे परन्तु जैसे ही एक दुसरे से दूर जायेंगे तो प्रेम से बात करेंगे ।* घर में स्त्रियों के साथ दुराचार करना , उन्हें नीचा दिखाना , उनकासम्मान न करने से शुक्र गृह बहुत बुरा फल देता है जिसका असर आने वाली चार पीड़ियों तक रहता है । तो शुक्र गृह भी पित्र दोष लगाता है कुंडली में ।* जिस घर में जानवरों के साथ बुरा सुलूक किया जाता है उस घर में पितृ दोष आना स्वाभाविक है । और जो जानवरों के साथ बुरा सुलूक करते है वह ही नहीं अपितु उनका पूरा परिवार और उनकी संतान पर पितृ दोष केबुरे प्रभाव के हिस्सेदार जाने-अनजाने में बन जाते है ।* जिस घर में विनम्र रहने वाले व्यक्ति का अपमान होता है वह घर पितृदोष से पीड़ित होगा , साथ में जो लोग कमजोर व्यक्ति का अपमान करेंगे वह भी पितृ दोष से प्रभावित होंगे ।* जमीन हथियाने से , हत्या करने से पित्र दोष लगेगा ।* जो लोग समाज-विरॊधि काम काम करेंगे उनका बृहस्पति खराब होकर उनकीकई पीड़ियों तक पितृ दोष देता रहता है ।* बुजुर्गों का अपमान जहा हुआ वह समझिये पितृ दोष आया ही आया ।* सीड़ियों के निचे रसोई या फिर सामान इक्कठा करने का स्टोर बनाने से पितृ दोष लगता है ।* मित्र या प्रेमी को दोख देने से पितृ दोष लगता है , शेर-मुखी घर में रहने वाले लोगो को पितृ दोष के दुष्प्रभाव झेलने पड़ते है । {शेर-मुखी ऐसा घर होता है जो शुरू शुरू में चौड़ा होता है परन्तु जैसे जैसे आप घर के अंदर जाते जायेंगे वह पतला होता चला जाता है }पितृदोष की शांति के 11 सरल और सस्ते उपाय करने से पितृ दोष में शान्ति मिलती है !!ज्योतिष में पितृदोष का बहुत महत्व माना जाता है। प्राचीन ज्योतिषग्रंथों में पितृदोष सबसे बड़ा दोष माना गया है। इससे पीड़ित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है। जिस जातक की कुंडली मेंयह दोष होता है उसे धन अभाव से लेकर मानसिक क्लेश तक का सामना करना पड़ता है। पितृदोष से पीड़ित जातक की उन्नति में बाधा रहती है। आमतौरपर पितृदोष के लिए खर्चीले उपाय बताए जाते हैं लेकिन यदि किसी जातककी कुंडली में पितृ दोष बन रहा है और वह महंगे उपाय करने में असमर्थहै तो भी परेशान होने की कोई बात नहीं। पितृदोष का प्रभाव कम करने के लिए ऐसे कई आसान, सस्ते व सरल उपाय भी हैं जिनसे इसका प्रभाव कम हो सकता है।1. कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।2. अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराए। भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं।3. इसी दिन अगर हो सके तो अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र औरअन्न आदि दान करने से भी यह दोष मिटता है।4. पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें।5. शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र यारुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। इससे भी पितृ दोष की शांति होती है।6. सोमवार प्रात:काल में स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें। 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है।7. प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष काशमन होता है।8. कुंडली में पितृदोष होने से किसी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में सहायता करने पर भी लाभ मिलता है।9. ब्राह्मणों को प्रतीकात्मक गोदान, गर्मी में पानी पिलाने के लिएकुंए खुदवाएं या राहगीरों को शीतल जल पिलाने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।10. पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाएं। विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलतीहै और दोष में कमी आती है।11. पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों की मदद करने तथा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने से भी अत्यंत लाभ मिलता है।पित्र दोष निवारण मन्त्रमन्त्र 1 -- ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः ।मन्त्र २-- ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः ।।एक माला रोज अगर घर का मुखिया या अन्य सदस्य करें तो बहुत लाभ होता है|...................................

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