क्या है योनि के ढीलेपन का उपचार ..?
प्रकृति ने स्त्री व पुरुष दोनो को ही शरीर- रुपी वरदान दिया है।वह अपने आप में अनुपम है।और उसके प्राकृतिक रुप में ही वह आनन्ददायक है और फिर यह बात हम अगर सेक्स अंगो के वारे में कह रहे हैं तो इस बात का महत्व और भी बढ़ जाता है।
योनि स्त्री का प्रमुख सेक्स अंग है और संभोग के समय प्राकृतिक रुप से स्त्री व पुरुष को जो आनन्द प्राप्त होता है ।उसमें योनि का अपना महत्व पूर्ण योगदान है।किन्तु कई कारणों से बच्चे को जन्म देते समय या सेक्स में अधिकता से जव योनि के आकार में वृद्धि हो जाती है तब स्त्री व पुरुष के संभोगानन्द मे कमी आ जाती है-
योनी का ढीलापन:-
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गलत अवस्था में संभोग करने से योनि फैल जाती हैं।
बच्चे के जन्म क बाद माॅ की योनि का आकार पुराने रुप में नहीं आ पाता।
संभोग की इच्छा न होने पर भी योनि फैल जाती हैं।
प्रेम संबंध में पड कर भी कुछ लङकियाॅ शादी से पहले अपना कुॅवारापन खो देती हैं।
पति सहवास में अति करने, अप्राकृतिक एवं असुविधापूर्ण आसनों में अति वेग के साथ सहवास करने, अति प्रसव करने और शरीर के कमजोर एवं शिथिल होने के कारण स्त्रियों का योनि मार्ग ढीला, पोला और विस्तीर्ण हो जाता है, जिससे सहवास करते समय सुख एवं आनन्द की अनुभूति नहीं होती।
ऐसी स्थिति में प्रायः पति लोग सहवास क्रिया में रुचि नहीं ले पाते और कोई-कोई पति परस्त्रीगमन की ओर उन्मुख हो जाते हैं। विलासी एवं रसिक स्वभाव के पति घर की सुन्दर नौकरानियों से ही यौन संबंध कायम कर लेते हैं। इस व्याधि को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय उपयोगी एवं कारामद सिद्ध हुए हैं।
योनि के ढीलेपन के कई कारण निम्न हैं:-
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खतरनाक सेक्स आसनों का ना जानकारी में प्रयोग भी स्त्री की योनि पर प्रभाव डाल देता है। अत्यधिक संभोग, योनिगत स्रावों की अधिकता भी इस रोग के पैदा होने का कारण हो सकता है। वैसे योनि का ढीला पन योनि के मांसपैशियों के तंतु ढीले हो जाने से होता है।चाहै कारण कोई भी क्यों न हो। इस रोग का प्रभाव दोनो पार्टनरों पर पड़ता है।और रोग की अधिकता में योनि के बाहर निकलने का खतरा रहता है। कैसे मालुम हो कि योनि ढीली है।
शारीरिक दुर्वलता या शिथिलता की स्थिति में स्त्री की योनि कमजोरी के कारण फैल जाती है।
अप्राकृतिक संभोग या जबरन पुरुष साथी द्वारा ताकत से संभोग करने पर योनि की दीवारों पर क्षोभ उत्पन्न हो जाने के कारण से भी योनि शिथिल या ढीली हो सकती है।
बार बार प्रसव के कारण भी योनि ढीली हो जाती है।
वैसे तो यह मालुम करना कोई कठिन काम नही है यह ज्यादा तर आपका पुरुष साथी बता ही देता है फिर भी अगर आपको इसमे कुछ संदेह है तो आप इस तरीके से भी पता लगा सकती हैं ।
सिकोड़ कर देखो कि क्या यह पूरी तरह बंद हो पा रही है।अगर नही तो पार्टनर की बात सही है।
आप अपनी एक उंगली योनि के भीतर रख कर देख सकती हैं कि क्या आपको उत्तेजना हो रही है अगर नही तो पार्टनर की बात सही है। और भी गम्भीर स्थिति तब है जवकि आपकी योनि के ओष्ठ खुले हुय़े हैं।
योनि के ढीलापन का घरेलु उपचार:-
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आप पेशाब करते समय कुछ समय के लिये पेशाब को रोके रहें तथा फ़िर चालू करे ऐसा जब भी पेशाब करने जाऐं तभी 3-4 बार करें इससे योनि की पेशियां सुद्रड़ होती हैं। वज्रासन की स्थिति में बैठकर शंखचालिनी मुद्रा और मूल बंध लगाने का अभ्यास नियमित करने से भी योनि संकोच होता है।
भांग को कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें। इस चूर्ण को 5-6 ग्राम (एक छोटा चम्मचभर) मात्रा में, एक महीन मलमल के साफ सफेद कपड़े पर रखकर छोटी सी पोटली बनाकर मजबूत धागे से बांध दें। धागा लम्बा रखें, ताकि धागे को खींचकर पोटली बाहर खींची जा सके। रात को सोते समय इस पोटली को पानी में डुबोकर गीली कर लें एवं योनि मार्ग में अन्दर तक सरकाकर रख लें और सुबह निकालकर फेंक दें। लाभ न होने तक यह प्रयोग जारी रखें।
एक प्रयोग आजमाए:-
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माजूफल का चूर्ण- 100 ग्राम
मोचरस का चूर्ण- 50 ग्राम
लाल फिटकरी -25 ग्राम
सबको कूट-पीसकर मिलाकर रखें। पहले 20 ग्राम खड़े मूंग 3 कप पानी में खूब उबालें और बाद में छानकर इस पानी से डूश करें। एक रूई का बड़ा फाहा पानी में गीला कर निचोड़ लें और इस पर ऊपर बताया चूर्ण बुरककर यह फाहा सोते समय योनि में रखें। इन दोनों में से कोई एक प्रयोग कुछ दिन तक करने से योनि तंग और सुदृढ़ हो जाती है।
हरा माजूफल,फिटकरी के आग पर किये हुऐ फूले व गुलाव के फूल बराबर मात्रा मे लेकर वारीक से वारीक पीस लें।इसे योनि में रखकर एक वारीक सा कपड़ा ढीला ढाला सा बाँध ले।यह प्रक्रिया लगातार फायदा न होने तक करें।
ढाक के गोंद की बत्ती बनाकर योनि में रखें।
आँवले पेड़ की छाल पानी मे 24 घण्टा पानी में भिगोकर इस पानी से ही योनि को धोऐं कुछ दिनों इस प्रयोग को लगातार बिना नागा किये करने से योनि निश्चित ही स्वभाविक अवस्था में आ जाएगी।यह कार्य आप रोजाना नहाते समय कर सकती हैं।
तीन हिस्सा फिटकरी व एक हिस्सा माजूफल का गूदा एक भाग पीसकर किसी मखमल के कपड़े की पोटली बनाकर रात को सोते समय योनि में रखने से योनि सिकुड़ जाती है।
शंखचालनी मुद्रा तथा मूलबंध का अभ्यास करना और मूत्र विसर्जन करते समय रोक-रोककर पेशाब करना, ये तीन उपाय योनि को चुस्त- दुरुस्त, सशक्त और संकीर्ण बनाते हैं। नियमित रूप से थोड़ी देर वज्रासन पर बैठकर शंखचालनी मुद्रा व मूलबंध लगाने का अभ्यास करना चाहिए।
स्त्री रोगों की परम हितकारिणी आयुर्वेदिक औषधि सुपारी पाक इस रोग में भी अपना अनूठा प्रभाव दिखाती है तो सुपारी पाक- 5 से 10 ग्रा. सुबह व शाम को दूध से सेवन करें।तथा शाम को बंग भस्म 1 रत्ती, सेमल के फूल का गोंद अर्थात मोचरस- 1 ग्रा.,शहद के साथ मिलाकर चाट लें।
श्रोणितल की पेशियों में कमजोरी आने से योनि में कसाव कम हो जाता है और ढीलापनमहसूस होने लगता है. योनि की पेशियां चुस्त दुरुस्त बनाने से योनि का ढीलापन दूर किया जा सकता है और चरम योनसुख की आनंदानुभूति जागृत की जा सकती है. इसके लिये एक साधारण सा व्यायाम है जिससे प्यूबोकाक्सीजियस पेशी मजबूत होती जाती है. जिससे योनि का ढ़ीलापन दूर होता जाता है.इस व्यायाम को कहीं भी , कभी भी और किसी भी मुद्रा में किया जा सकता है. इसके लिये करना यह होता है कि मूत्र प्रवाह रोकने वाली पेशी को अंदर की ओर ठीक वैसे भींचे जैसे कि मूत्र के वेग को रोक रही हों. अगले तीन सेकेण्ड तक प्यूबोकाक्सीजियस पेशी को इसी प्रकार अंदर ही अंदर भींचे रखें. फिर अगले 3 सेकेण्ड के लिये शरीर को ढीला छोड़ दें. अब एक बार फिर प्यूबोकाक्सीजियस पेशी को 3 सेकेण्ड तक अंदर भींचे. फिर 3 सेकेण्ड के लिये पेशी को ढीला छोड़ दें. यह व्यायाम 10-10 बार सुबह शाम करें और फिर बढ़ाते हुए 25-25बार सुबह और शाम करें. अभ्यास हो जाने पर तेज गति से करने लगें.इस व्यायाम से 2-3 माह में ही आप अपने भीतर बड़ा परिवर्तन महसूस करने लगेंगी. इसे करते रहने से आपके श्रोणिगुहा के अंगों को समुचित आवलंबन मिलता रहेगा.
Thursday, January 12, 2017
क्या है योनि के ढीलेपन का उपचार
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SWAMI. 9375873519
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Thanks for sharing very useful post. Consider using natural remedies to get over loose vagina. It is designed with natural ingredients to deliver amazing results.
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