गोमेद एक रत्न
जिसे राहु ग्रह से समबन्धित किसी भी विषय के लिए धारण करने हेतु ज्योतिषशास्त्री परामर्श देते हैं. गोमेद न सिर्फ राहु ग्रह की बाधाओं को दूर करता है बल्कि, गोमेद कई प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से भी निजात दिलाता है (Gomed removes all problems caused by Rahu). गोमेद एक ऐसा रत्न है जो नज़र की बाधाओं, भूत-प्रेत एवं जादू-टोने से भी सुरक्षा प्रदान करता है. गोमेद में इतनी सारी खूबियां हैं जिनसे व्यक्ति के जीवन की बहुत सी मुश्किलें दूर हो सकती हैं. लेकिन इसे किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेकर धारण करना चाहिए.
गोमेद को अंग्रेजी में Agate, Hessonit, के नाम से जाना जाता है. संस्कृत में गोमद को गोमेदक, पीत रक्तमणि, पिग स्फटिक कहा गया है. सुलेमानी, हजार यामनी नाम से भी गोमद को जाना जाता है. गोमद को बंगाल में मोदित मणि के नाम से पुकारते हैं. गोमेद राहु का मुख्य रत्न है. इस रत्न में राहु की शक्तियां एवं गुण मौजूद है. गोमेद राहु की नकारात्मक उर्जा को सकारत्मक उर्जा में परिवर्तित करके राहु के कष्टकारी प्रभाव से व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है.
असली गोमेद को उसके रंग एवं चमक से पहचाना जा सकता है. गोमूत्र से मिलता जुलता रंग होने के कारण इसे गोमेद कहा जाता है. यह एक चमकीला पत्थर होता है जो दिखने में शहद के रंग के समान भूरा होता है. गोमेद धुएं के सामन एवं काले रंग का भी होता है. गोमेद के ऊपर जब प्रकाश डाला जाता है जो उससे जो रोशनी पार करके निकली है उसका रंग गोमूत्र जैसा दिखता है. असली गोमेद की पहचान इस तरह आसानी से की जा सकती है. शुद्ध गोमेद चिकना, चमकीला एवं सुन्दर दिखता है. कुण्डली में राहु जिस भाव में हो उस भाव के शुभ फल को बढ़ाने के लिए राहु रत्न गोमेद पहनना चाहिए (Hessonite should be worn to strengthen the house where Rahu is located). आयुर्वेद के अनुसार गोमेद के भस्म का सेवन करने से बल एवं बुद्धि बढ़ती है. पेट की खराबी में गोमद का भस्म काफी फायदेमंद होता है. राहु तीव्र फल देने वाला ग्रह है. गोमेद पहनने से राहु से मिलने वाले शुभ फलों में तेजी आती है. व्यक्ति को मान-सम्मान एवं धन आदि प्राप्त होता है.
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