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*असाध्य रोगान्तक यंत्र मन्त्र सूत्र ४५..*
*सूत्र ऋद्धि :-- ॐ ह्रीं अर्हं नमो अक्खिण महाण साणं झ्रौ झ्रौ नमः स्वाहा:*
*मन्त्र :-- ॐ नमो भगवती क्षुद्रोपद्रव शांत कारिणी रोग कष्ट ज्वरोपशमनं शान्ति कुरु कुरु स्वाहा:।*
*ॐ ह्रीं भगवते भयभीषण हराय नमः*
*यंत्र लेखन विधि :-- प्रथम कोष्ठ वलयाकार बनाकर उसमें १६ ग्रुह बनाये और उसमें ॐ ह्रीं भगवते भय भीषण हराय नमः लिखे, द्वितीय कोष्ठ में १६ द्ध कार लिखे।तृतीय कोष्ठ में ऋद्धि मन्त्र लिखे और अंतिम कोष्ठ में सूत्र क्रमांक ४५ लिखे।*
*साधना विधि:-- सुवर्ण-रजत- कांस्य या ताम्रपत्र पर इस यंत्र को खुदवाकर उसकी प्राण-प्रतिष्ठा कराके पीले रंग के वस्त्र पहनकर दक्षिण दिशा की और यंत्र स्थापित कर ऋद्धि मन्त्र की १० माला २१ दिन तक त्रिकाल जपने स मन्त्र सिद्ध हो जाता है।*
*साधक की साधना का फल:-- सर्व व्याधि का नाश होता है,महाभयानक मरण भय,जलोधर, भगन्दर,गलित कोढ़ आदि समस्त भयानक बिमारी का समूल अंत हो जाता है।*
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