चाण्डाल दोष निवारक -
जिनकी जन्मकुण्डली में चाण्डाल दोष हो, उन्हें कम से कम 11 सोमवार को शिव मन्दिर में जाकर, साधारण पूजन करके इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए । आप पहले दिन से ही अपने दैनिक जीवन में घटित होनेवाली क्रिया-कलापों में परिवर्तन काअनुभव करेंगे, जो आपके कुण्डली के दोषों के वजह से आपके जीवन में घटित होता था
।।अथ अगस्त्याष्टकम् ।।
अद्य मे सफलं जन्म चाद्य मे सफलं तपः ।अद्य मे सफलं ज्ञानं शम्भो त्वत्पाददर्शनात् ॥ १॥
कृतार्थोऽहं कृतार्थोऽहं कृतार्थोऽहं महेश्वर ।अद्य ते पादपद्मस्य दर्शनात्भक्तवत्सल ॥ २॥
शिवश्शम्भुः शिवश्शम्भुः शिवश्शम्भुः शिवश्शिवः ।इति व्याहरतो नित्यं दिनान्यायान्तु यान्तु मे ॥ ३॥
शिवे भक्तिश्शिवे भक्तिश्शिवेभक्तिर्भवेभवे ।सदा भूयात् सदा भूयात्सदा भूयात्सुनिश्चला ॥ ४॥
आजन्म मरणं यस्य महादेवान्यदैवतम् ।माजनिष्यत मद्वंशे जातो वा द्राग्विपद्यताम् ॥ ५॥
जातस्य जायमानस्य गर्भस्थस्याऽपि देहिनः ।माभून्मम कुले जन्म यस्य शम्भुर्न-दैवतम् ॥ ६॥
वयं धन्या वयं धन्या वयं धन्या जगत्त्रये ।आदिदेवो महादेवो यदस्मत्कुलदैवतम् ॥ ७॥
हर शम्भो महादेव विश्वेशामरवल्लभ ।शिवशङ्कर सर्वात्मन्नीलकण्ठ नमोऽस्तु ते ॥ ८॥
अगस्त्याष्टकमेतत्तु यः पठेच्छिवसन्निधौ ।शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥ ९॥
।। इत्यगस्त्याष्टकम् ।।
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