बलवान धनेश दशमेश तथा पितृकारक सूर्य
से द्रष्ट या युक्त हो।
चतुर्थ स्थान में सूर्य हो तो इस योग में
उत्पन्न व्यक्ति पिता से धन प्राप्त करता
है।
चन्द्रमा से चतुर्थ या प्रथम में सूर्य हो
तथा सुखेश से द्रष्ट हो।
लग्न में सूर्य हो तथा दशमेश से युक्त हो एवं
लग्नेश से युक्त या द्रष्ट हो तो इन योगों
में उत्पन्न व्यक्ति पिता के कोश को
प्राप्त करता हैं।
लग्नेश और सूर्य की युक्ति यदि ग्यारहवे मे हो तो सरकार से धन लाभ करवाती है ।
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