Thursday, January 12, 2017

घर की शक्ति और आत्मा :- माँ लक्ष्मी 

  घर की शक्ति और आत्मा :- माँ लक्ष्मी  

घर और मकान में अंतर है , मकान ईंट और सीमेंट से बनता है जबकि घर सदस्यों और उनके प्रेम से !किसी भी घर में प्रेम सौहार्द और शांति बनी रहे और सब कुछ कुशल मंगल रखने में स्त्रियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है ,लेकिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से घर के माहौल पर स्त्रियों का क्या प्रभाव होता है ,यहाँ बात करते हैं :- 

                ज्योतिष के अनुसार मन की शांति और आत्मिक प्रेम के लिए जो  ग्रह  जिम्मेदार होते हैं :-

१ . चन्द्रमा :- मन ( चन्द्रमा मनसो  जातः )

२ . शुक्र :- आत्मिक प्रेम ( नेमिचंद्र शास्त्री: भारतीय ज्योतिष  )

                      ज्योतिष के अनुसार ये दोनों ही ग्रह स्त्रियों पर अपना आधिपत्य रखते है ! चन्द्रमा माता का कारक होता है और शुक्र पत्नी का !

अतः जिस प्रकार मन की शांति  और आत्मिक प्रेम के लिए चन्द्रमा और शुक्र का अच्छी स्थिति में होना आवश्यक है ,उसी प्रकार घर के शांतिमय माहौल के लिए घर के शुक्र ( पत्नी ) और घर के चन्द्रमा ( माता ) का अच्छी स्थिति में होना आवश्यक है !

           यहाँ कुछ बातों के बारे में जिक्र करना चाहूँगा जिनके अनुसरण के द्वारा स्त्रियाँ अपने घर की आत्मा में नयी उमंग फूंक सकती है :-

१ . सुबह सबसे पहले उठें और सर्वप्रथम कार्य हो , कि आप स्नान करें !

२ . घर की सफाई के बाद देहली पूजन अवश्य करें !

३ . सुबह एक बार धुप जलाकर पूरे घर में आरती करें !

४ . आवाज़ में हमेशा सौम्यता रखें !

              सबसे महत्वपूर्ण बात कि यदि चद्र और शुक्र का शुभ संयोग हो तो जीवन में चार चाँद लग जाते हैं ,उसी प्रकार यदि घर में भी इन दोनों का शुभ  संयोग हो तो घर के सभी सदस्यों के जीवन में चार चाँद लग जाते हैं ! अब यदि मन प्रसन्न हो और आत्मा में प्रेम हो तो जीवन की कल्पना की जा सकती है !

                 

  आज का टिप :-यदि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो तो सूर्य नमस्कार करें !पिता व पितातुल्य व्यक्तियों का कभी अनादर न करें ! किसी अस्पताल के पास यदि कोई मंदिर हो तो दर्शन के लिए वहाँ जाएँ !

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