Thursday, December 29, 2016

KRISHNAMURTI HORARY ASTROLOGY :

KRISHNAMURTI HORARY ASTROLOGY :- ज्योतिष की पद्धति के पुनरुत्थान का श्रेय श्री  कृष्णमूर्ति महोदय को दिया जा सकता है !इन्होंने इस विधा का पूर्ण SCIENTIFIC तरीके से विकास किया है और अपने आप में पूर्ण बनाने के साथ ही साथ जातकीय  ज्योतिष का एक अभिन्न अंग भी बना दिया है !मेरी एक पोस्ट आप लोगों ने पढ़ी जिसमे मैंने लोगों से सवाल आमंत्रित किये थे गणपति का निमंत्रण  में आप देख सकते हैं!यहाँ मैंने केवल अपना प्रश्न और उस प्रश्न के साथ  1 से  249 तक की संख्या लिखने को कहा है ! ये 1  से  249 अंकों वाली पद्धति के लिए सारा श्रेय कृष्णमूर्ति जी को दिया जा सकता है !यहाँ ये स्पष्ट कर देना उचित समझता हूँ , कि ये अंक NUMEROLOGY  से सम्बंधित नहीं हैं बल्कि ये बारह राशियों का विभाजन हैं ! प्रत्येक अंक तीन ग्रहों के  COMBINATION  को  बताता है ! राशि - नक्षत्र - उप स्वामी  !उदहारण के तौर पर 'यदि कोई व्यक्ति प्रश्न पूछने के बाद उस प्रश्न के लिए अंक 7  का चयन करता है तो उसका तात्पर्य है , कि मेरे प्रश्न का लग्न मेष राशि के उस स्थान पर मानो  जहां "मंगल - केतु - गुरु" का COMBINATION बनता हो !और उस स्थान को लग्न मानते हुए सभी ग्रहों को गोचर के स्थान पर रखते हुए प्रश्न के लिए गणना करें ! इस विधि  के बारे में विस्तार से चर्चा मेरे ब्लॉग पृष्ठ "ज्योतिष योग संग्रह" में की जायेगी !         HORARY ASTROLOGY  से मिलता जुलता ही एक सब्जेक्ट है "RULING PLANETS" जिस पर आगामी लेखों में चर्चा की जायेगी !यदि RULING PLANETS "तात्कालिक कार्येष ग्रहों " पर ज्योतिषी अपनी अच्छी पकड़ कर लेता है तो वह किसी जादूगर से कम नहीं होता !इतना चमत्कारी होता है इनका प्रभाव और फलादेश !

आज का टिप :-स्त्रियों को सिन्दूर सही मात्रा  में और सही तरीके से लगाना  चाहिए क्योंकि यह यह ब्रह्मरंध्र और अधमी रंध्र के ठीक ऊपर लगाया जाता है जिसे  सामान्य भाषा में सीमन्त या मांग कहते हैं !पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में यह भाग नाजुक होता है और शरीर में विद्युत ऊर्जा के नियंत्रण का कार्य करता है ! सिन्दूर में  पाया जाने वाला पारा दुष्प्रभावों से स्त्रियों की रक्षा करता है ! 

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