Thursday, December 22, 2016

वास्तुशास्त्र

वास्तुशास्त्र
1- घर में यदि कोई हिंसक, जंगली खूंखार जानवर, पतझड़, कांटेदार पेड़-पौधे, रोते हुए उदास चेहरों की तस्वीरें अथवा कोई मूर्ति हो तो उसे हटा दें। ऐसी तस्वीरों से नकारात्मक ऊर्जा घर में फैलती है जिसका प्रभाव घर के सदस्यों पर भी पड़ता है और वे भी नकारात्मक सोचने लगते हैं।
2- जब भी पानी पीएं, अपना मुंह ईशान (उत्तर-पूर्व) की ओर रखें।
3- भोजन करते समय थाली आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) की ओर तथा अपना मुंह पूर्व की ओर रखें।
4- भूखण्ड के चारों कोने समकोण होने चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो तो सर्वप्रथम भूखण्ड को आयाताकार कर लें तथा बचे हुए भूभाग पर लॉन आदि बनाया जा सकता है।
5- यदि ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) न्यून हो तो उसके सामने के नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) को समकोण कर लें, दोष नहीं लगेगा।
6- ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में एक खड्डा या अण्डर ग्राउण्ड पानी का टैंक बनवा लें। टैंक की लंबाई-चौड़ाई भूखण्ड की लंबाई-चौड़ाई के अनुपात में ही रखें।
7- अगर आप अपना दाम्पत्य जीवन सुखमय बनाना चाहते हैं तो बेडरूम में फ्लावर पॉट अवश्य रखें लेकिन उसकी रोजाना सफाई अवश्य करें। सफाई नहीं करने से दाम्पत्य जीवन में खटास आ सकती है।
8-- शयन कक्ष बहुत खास जगह होती है। यहां आप कपल फोटो लगा सकते हैं लेकिन पैरों की ओर नहीं लगाएं।
9- घर की खिड़कियों का आकार यदि घर के मुख्य द्वार से बड़ा हो तो घर के स्वामी को मानसिक परेशानियां तथा दिल से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
10- घर के मुख्य द्वार से यदि रसोई कक्ष दिखाई दे तो घर की स्वामिनी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है और उसके बनाए खाने को भी परिवार के लोग ज्यादा पसंद नहीं करते हैं।
11- ईशान्य कोण में कभी शौचालय ना बनाएं क्योंकि इससे घर की स्त्रियों को पेट से संबंधित बीमारिया होती है।
12- यदि आपकी रसोई बड़ी है तो आपको रसोई घर में बैठ कर ही भोजन करना चाहिए। इससे कुंडली में राहु के दुष्प्रभावों का शमन होता है।
13- पूजा करते समय यदि दिये को कभी दक्षिण में रखने से दुख और संताप की प्राप्ति होती है।
14- रात्रि में कभी वस्त्र बाहर ना सुखाएं। इन वस्त्रों के पहनने वालों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती हैं।
15- अमावस्या को दूध का या सफेद चीज का दान आपके चंद्रमा को क्षीण करता है, जिससे आपकी आयु तथा स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

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