Saturday, December 10, 2016

दूषित ईशान देता है मानसिक तनाव

*दूषित ईशान देता है मानसिक तनाव*

ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को सबसे शुभ ग्रह माना जाता है। व्यक्ति विशेष की कुंडली की विभिन्न अवस्थाओं में यह ग्रह विभिन्न प्रकार के शुभ योगों का निर्माण करता है।
बृहस्पति ग्रह, सूर्य, या चंद्रमा ग्रहों से मिल कर, गज केसरी योग का निर्माण करता है। यह एक उच्च श्रेणी का राजयोग है।
सूर्य आत्मा और मस्तिष्क का कारक ग्रह है। चंद्रमा जहां मन का कारक ग्रह है, वहीं यह जल का प्रतिनिधि ग्रह भी है। साथ ही चंद्रमा माता का कारक ग्रह भी है। वास्तु की दृष्टि से ईशान में जल का भंडारण अत्यंत शुभ माना जाता है।
ईशान मंे बृहस्पति का वास होने से, इस स्थान पर जल की उपस्थिति द्वारा, बृहस्पति और चंद्रमा के मिलने से गज केसरी जैसे उच्च श्रेणी के राजयोग के शुभ प्रभाव उत्पन्न हो जाते हैं।

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