Wednesday, December 21, 2016

ज्योतिष और राहु

ज्योतिष और राहु
राहु एक छाया ग्रह है, जिसे चन्द्रमा का उत्तरी ध्रुव भी कहा जाता है, इस छाया ग्रह के कारण अन्य ग्रहों से आने वाली रश्मियां पृथ्वी पर नही आ पाती है, और जिस ग्रह की रश्मियां पृथ्वी पर नही आ पाती हैं, उनके अभाव में पृथ्वी पर तरह के उत्पात होने चालू हो जाते है, यह छाया ग्रह चिंता का कारक ग्रह कहा जाता है.
राहु एक छाया ग्रह के रूप में माना जाता है. यह मनुष्य को अपने भावानुसार नशे में रखता है और उस नशे के द्वारा व्यक्ति को जीवन में किसी अन्य विषय मे सोचने की फ़ुर्सत नहीं देता है.
1. राहु जब लगन में होता है तो व्यक्ति को अपने पराक्रम और शिक्षा के साथ पति/पत्नी और धर्म के भाव का नशा होता है.
2. दूसरे भाव में वह धन और कुटुम्ब का नशा देता है.
3. तीसरे भाव में अचानक अपने पराक्रम को प्रदर्शित करने का नशा देता है.
4. चौथे भाव में मानसिक शक या शक्की मिजाज बनाने तथा अपने को ही सब कुछ मानने का नशा देता है.
5. पंचम भाव मे होने पर यह शिक्षा और सन्तान तथा जल्दी से धन कमाने वाले साधनों के साथ खेल कूद और मनोरंजन में घूमने का नशा देता है.
6. छठे भाव मे होने पर वह गूढ बातों कर्जा दुश्मनी और बीमारी पालने का नशा देता है.
7. सप्तम में होने पर वह पति या पत्नी सुख को बहुत ही सर्वोपरि मानने लगता है और उसके खून के अन्दर के तरह का उबाल चलता रहता है तथा उसके लिये सबसे अच्छी बाते केवल पति पत्नी के सम्बन्धो से जुडी ही चला करती है.
8. अष्टम भाव मे होने पर खाने पीने या जीवन भर दवाइयों को लेते रहने का नशा चलता रहता है कब खुद मर जाये या किसी को मारडाले इसका पता नही होता है.
9. नवे भाव मे जाकर यह पठन पाठन और धर्म ज्योतिष आदि का नशा दे देता है, अपने पूर्वजों को हमेशा बखानता रहता है.
10. दसवें भाव में उसे काम का नशा होता है, वह काम करता है तो भूत की तरह से और नही करता है तो बिलकुल आलसी बन कर पडा रहता है.
11. ग्यारहवे भाव में वह मित्रों के लिये और हमेशा अपने लिये लाभ कमाने के रास्तों को सोचने के बारे मे ही नशा रखता है.
12. बारहवे भाव मे वह हमेशा किसी न किसी बात को दिमाग मे लेकर सोचता रहता है और रात रात भर सोता नही है,नींद नही आने की बीमारी की बजह से वह खाता पीता भी नही शरीर कमजोर होता जाता है, हमेशा बुरे सपने देखता है और डरता रहता है.
इस प्रकार से हमने देखा कि राहु एक नशे की तरह से व्यक्ति के जीवन में अपने पैरों को जमाकर रहता है.

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