Wednesday, December 28, 2016

मूल नक्षत्र शान्ति का चक्कर

मूल नक्षत्र शान्ति का चक्कर
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मुहूर्त चिंता मणि नामक प्रशिध ज्योतिष पुस्तक में साफ़ साफ़ काहा गया! है
हिन्दी माह आषद भादों आश्विन माघ इन माह में मूल नक्षत्र का निवास स्वर्ग में
श्रावन कार्तिक चेत्र और पोश महीने में मूल का निवास भूमि पर होता है
फागुन ज्येष्ठ अग्रहण और वैशाख महीने में मूल नक्षत्र का निवास पाताल लोक में होता है
इस प्रकार श्रावन कार्तिक चेत्र और पौष महीने जो बच्चा उत्पन्न हो उसी के मूल की शान्ति हो टी है अन्यथा नही / जब की यदि शान्ति अन्या महीनो में पैदा की शान्ति कर दी जाए तो उलटा नुकशान हो जाता है
दूसरी बात यह है की नक्षत्र के चरणों का भी भेद है / सभी चरण अशुभ नही होते / जो इस प्रकार है -अश्वनी का पहला चरण पिता के लिए ख़राब होता है इस लिए शान्ति करे / आस्वलेशा सभी चरण ख़राब होते है /इस लिए शान्ति जरुरी है / मघा के पहले दो चरण ख़राब होते है इस लिए शान्ति जरुरी है /ज्येथा नक्षत्र के भी चारो चरण ख़राब है /मूल नक्षत्र पहले तिन चरण ख़राब है इस लिए शान्ति करे /अंत में रेवती का अन्तिम चरण ख़राब होता है बांकी और नही इस लिए शान्ति करे /उम्मीद है काफ़ी हद तक आप की उलझन दूर हुई हो गी /
प्रतेक नक्षत्र के चार चरण होते है /जो चरण ख़राब बताये है उनके अलावे अन्या चरण की शान्ति जरुरी नही है बल्कि शान्ति कर ने पर उलटा असर हो जाता है /

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