पूर्व दिशा
• यदि पूर्व की दिशा कटी हो, तो पूर्वी दीवार पर एक बड़ा शीशा लगाएं। इससे भवन के पूर्वी क्षेत्र में प्रतीकात्मक वृद्धि होती है।
• पूर्व की दिशा के कटे होने की स्थिति में वहां सात घोड़ों के रथ पर सवार भगवान सूर्य देव की एक तस्वीर, मूर्ति अथवा चिह्न रखें।
• सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को जल का अर्य दें। अर्य देते समय गायत्री मंत्र का सात बार जप करें। पुरूष अपने पिता और स्त्री अपने स्वामी की सेवा करें।
• प्रत्येक कक्ष के पूर्व में प्रातःकालीन सूर्य की प्रथम किरणों के प्रवेश हेतु एक खिड़की होनी चाहिए। यदि ऐसा संभव नहीं हो, तो उस भाग में सुनहरी या पीली रोशनी देने वाला बल्ब जलाएं।
• पूर्व में लाल, सुनहरे और पीले रंग का प्रयोग करें। पूर्वी क्षेत्र में मिट्टी खोदकर जलकुंड बनाएं और उसमें लाल कमल उगाएं अथवा पूर्वी बगीचे में लाल गुलाब रोपें।
• अपने शयन कक्ष की पूर्वी दीवार पर उदय होते हुए सूर्य की ओर पंक्तिबद्ध उड़ते हुए हंस, तोता, मोर आदि अथवा भोजन की तलाश में अपना घोंसला छोड़ने को तैयार शुभ पक्षियों का चित्र लगाएं। अकर्मण्य और कमाने हेतु बाहर जाने से हिचकने वाले व्यक्तियों के लिए यह जादुई छड़ी के समान काम करता है।
• बंदरों को गुड़ और भुने चने खिलाएं।
• पूर्व में सूर्य यंत्र की स्थापना विधि विधान पूर्वक करें।
Wednesday, December 21, 2016
पूर्व दिशा
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SWAMI. 9375873519
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