Saturday, January 20, 2018

चलती हुई दूकान भी एकदम से ठप्प हो जाती है ।

कभी-कभी देखने में आता है कि खूब चलती हुई दूकान भी एकदम से ठप्प हो जाती है । जहाँ पर ग्राहकों की
भीड़ उमड़ती थी, वहाँ सन्नाटा पसरने लगता है । यदि किसी चलती हुई दुकान को कोई तांत्रिक बाँध दे, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, अतः इससे बचने के लिए निम्नलिखित प्रयोग करने चाहिए -

पर कोई भी प्रयोग को किसी जानकार को बिना बताए या बिना पूछे मत करना(इसमे सावधानी बहोत जरूरी है) या आपके गुरु का मार्गदर्शन लेके करे।

१॰ दुकान में लोबान की धूप लगानी चाहिए ।
२॰ शनिवार के दिन दुकान के मुख्य द्वार पर बेदाग नींबू
एवं सात हरी मिर्चें लटकानी चाहिए ।
३॰ नागदमन के पौधे की जड़ लाकर इसे दुकान के बाहर
लगा देना चाहिए । इससे बँधी हुई दुकान खुल
जाती है ।
४॰ दुकान के गल्ले में शुभ-मुहूर्त में श्री-फल लाल
वस्त्र में लपेटकर रख देना चाहिए ।
५॰ प्रतिदिन संध्या के समय दुकान में माता लक्ष्मी के
सामने शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करना
चाहिए ।
६॰ दुकान अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान की
दीवार पर शूकर-दंत इस प्रकार लगाना चाहिए कि वह
दिखाई देता रहे ।
७॰ व्यापारिक प्रतिष्ठान तथा दुकान को नजर से बचाने के लिए काले-
घोड़े की नाल को मुख्य द्वार की चौखट के
ऊपर ठोकना चाहिए ।
८॰ दुकान में मोरपंख की झाडू लेकर निम्नलिखित मंत्र के
द्वारा सभी दिशाओं में झाड़ू को घुमाकर वस्तुओं को साफ
करना चाहिए । मंत्रः- “ॐ ह्रीं
ह्रीं क्रीं”
९॰ शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के सम्मुख मोगरे
अथवा चमेली के पुष्प अर्पित करने चाहिए ।
१०॰ यदि आपके व्यावसायिक प्रतिष्ठान में चूहे आदि जानवरों के बिल
हों, तो उन्हें बंद करवाकर बुधवार के दिन गणपति को प्रसाद चढ़ाना
चाहिए ।
११॰ सोमवार के दिन अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते लाकर स्वच्छ
जल से धोकर दुकान अथवा व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर
टांगना चाहिए । सूती धागे को
पीसी हल्दी में रंगकर उसमें
अशोक के पत्तों को बाँधकर लटकाना चाहिए ।
१२॰ यदि आपको यह शंका हो कि किसी व्यक्ति ने
आपके व्यवसाय को बाँध दिया है या उसकी नजर
आपकी दुकान को लग गई है, तो उस व्यक्ति का नाम
काली स्याही से भोज-पत्र पर लिखकर
पीपल वृक्ष के पास भूमि खोदकर दबा देना चाहिए तथा
इस प्रयोग को करते समय किसी अन्य व्यक्ति को
नहीं बताना चाहिए । यदि पीपल वृक्ष
निर्जन स्थान में हो, तो अधिक अनुकूलता रहेगी ।
१३॰ कच्चा सूत लेकर उसे शुद्ध केसर में रंगकर अपनी
दुकान पर बाँध देना चाहिए ।
१४॰ हुदहुद पक्षी की
कलंगी रविवार के दिन प्रातःकाल दुकान पर लाकर रखने से
व्यवसाय को लगी नजर समाप्त होती है
और व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है ।
१५॰ कभी अचानक ही व्यवसाय में स्थिरता
आ गई हो, तो निम्नलिखित मंत्र का प्रतिदिन ग्यारह माला जप करने
से व्यवसाय में अपेक्षा के अनुरुप वृद्धि होती है ।
मंत्रः- “ॐ ह्रीं श्रीं
क्लीं नमो भगवती माहेश्वरी १॰ सूर्यदेव के दोष के लिए खीर का भोजन बनाओ और
रोजाना चींटी के बिलों पर रखकर आवो और
केले को छील कर रखो ।
२॰ जब वापस आवो तभी गाय को खीर और
केला खिलाओ ।
३॰ जल और गाय का दूध मिलाकर सूर्यदेव को चढ़ावो। जब जल
चढ़ाओ, तो इस तरह से कि सूर्य की किरणें उस गिरते
हुए जल में से निकल कर आपके मस्तिष्क पर प्रवाहित हो ।
४॰ जल से अर्घ्य देने के बाद जहाँ पर जल चढ़ाया है, वहाँ पर
सवा मुट्ठी साबुत चावल चढ़ा देवें ।
चन्द्रमाः-
१॰ पूर्णिमा के दिन गोला, बूरा तथा घी मिलाकर गाय को
खिलायें । ५ पूर्णमासी तक गाय को खिलाना है ।
२॰ ५ पूर्णमासी तक केवल शुक्ल पक्ष में प्रत्येक
१५ दिन गंगाजल तथा गाय का दूध चन्द्रमा उदय होने के बाद
चन्द्रमा को अर्घ्य दें । अर्घ्य देते समय ऊपर दी गई
विधि का इस्तेमाल करें ।
३॰ जब चाँदनी रात हो, तब जल के किनारे जल में
चन्द्रमा के प्रतिबिम्ब को हाथ जोड़कर दस मिनट तक खड़ा रहे
और फिर पानी में मीठा प्रसाद चढ़ा देवें,
घी का दीपक प्रज्जवलित करें । उक्त
प्रयोग घर में भी कर सकते हैं, पीतल के
बर्तन में पानी भरकर छत पर रखकर या जहाँ
भी चन्द्रमा का प्रतिबिम्ब पानी में दिख सके
वहीं पर यह कार्य कर सकते हैं ।

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