🌹विघ्न्नविनाशक वांञ्छा पुरण श्रीभेरव इकतीसा🌹
🌺🌺दोहा🌺🌺
श्रीजिनदत्त कुशल गुरु के शुभ ध्यान मे
श्रीपार्श्व प्रभु जयकार।
आनंद मोद रहे जगत में
जितेन्द्र विनय स्वीकार ।।
श्री भेरव इकतीसा लिखुं ह्दय शुद्ध विचार ।
आराधन करुं सांचा देव की सत्य गति आचार ।।
🕉इकतीसा पाठ🕉
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
प्रत्यक्ष:दर्शनम् देही देही भेरवम्।१।
हाजरा हुजुरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम् ।
सर्व रोग:क्षयं कुरु कुरु भेरवम्।२
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
सर्व विघ्न्नोपद्रव निवारयति भेरवम्।३।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
सर्व मनोवांछित पुरय पुरय भेरवम्।४।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
सर्व कार्ये सिद्धि कुरु कुरु भेरवम्।५।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
सर्व दुष्टाणां शत्रुणां उच्चाट्य उच्चाट्य भेरवम्।६।
हाजरा हुजुरम् शक्ति पुरम् , मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
सर्व ग्रह दु्ष्प्रभावा नाशय नाशय भेरवम्।७।
हाजरा हुजुरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
सर्व यंत्र मंत्र तंंत्र वाचा दुष्प्रभावा नाशय नाशय भेरवम्।८।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव
देवम्।
डाकण साकण वाण व्यंतर दुष्प्रभावा नाशय नाशय भेरवम्।९।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
भुत बेताल पिशाच राक्षसा:दुष्प्रभावा निवारय निवारय भेरवम्।१०।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
सर्व भय क्लेश चिंता चुरय चुरय भेरवम्।११।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम् मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
सर्व क्षुद्रोपद्रव स्तंभय स्तंभय भेरवम्।१२।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम् मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
मम् गृहे सुख शांति समृद्धि आरोग्यं कुरु कुरु भेरवम्।१३।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्, मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
मम् गृहे धन धान्य परिपुर्णकुरु कुरु भेरवम्।१४।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम् मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
मम् गृहे सौभाग्य लक्ष्मी कुरु कुरु भेरवम्।१५।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम् , मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
मम् गृहे पुत्र पौत्र सौख्यं कुरु कुरु भेरवम्।१६।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
मम्परिवारस्य यश किर्ति प्रसारय प्रसारय भेरवम्।१७।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरूपम् देव देवम्
सर्व राज भयं नाशय नाशय भेरवम्।१८।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्, मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
मम् गृहे धर्मार्थ कार्ये ऋद्धि सिद्धि वृद्धिश्च कुरुकुरु भेरवम्।१९
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
जिन प्रासाद कार्येअष्ट
सिद्धिं नवनिधीं कुरु कुरु भेरवम्।२०।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम् मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
मम् व्यापार स्थले सर्व दुष्प्रभावा नाशय नाशय भेरवम्।२१।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
मम् व्यापार स्थले व्यापार वृद्धि कुरुकुरु भेरवम्।२२।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
मम् ह्रदपद्मं वासं कुरु कुरु भेरवम्।२३।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम् ,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
सर्व लोके मंगल मांगल्यम् कुरु कुरु भेरवम्।२४।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम् मंगल स्वरुपम् देवदेवम्।
सर्वदा सर्व योगे काले स्थले जयं विजयं कुरु कुरु भेरवम्।२५।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
त्वामेव शरण्ये$हं रक्षां कुरु कुरु भेरवम्।२६।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्,मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
त्वं मम् सर्वं देव देवम् भेरवम्।२७
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्, मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
त्वं मम् बन्धु बान्धव मित्र परिवार:भेरवम्।२८।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम्, मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
सर्वदा शांति शक्तिं वृद्धिं कुरु कुरु भेरवम्।२९।
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम् मंगल स्वरूपम् देव देवम्।
वात घात पित्त कफ दोषा:क्षयं कुरु कुरु भेरवम्।३०। 🌾
हाजरा हुजूरम् शक्ति पुरम् ,मंगल स्वरुपम् देव देवम्।
मां लोकोत्तम् कुरु कुरु भेरवम्।३१।
🍁 दोहा 🍁
विघ्न्नहरण मंगलकरण,भेरव इकतीसा ध्यान ।
संकट कटे सम्मद् बढे,रहे जगत सन्मान् ।।
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