Saturday, October 14, 2017

पेड़-पौधों के टोटके


पेड़-पौधों के टोटके

हमारे आसपास पाए जाने वाले विभिन्न पेड़-पौधों के पत्तों, फलों आदि का टोटकों के रूप में उपयोग भी हमारी सुख-
समृद्धि की वृद्धि में सहायक हो सकता है। यहां कुछ ऐसे ही सहज और सरल उपायों का उल्लेख प्रस्तुत है, जिन्हें अपना कर पाठकगण लाभ उठा सकते हैं। विल्व पत्र : अश्विनी नक्षत्र वाले दिन एक रंगवाली गाय के दूध में बेल के पत्ते डालकर वह दूघ निःसंतान स्त्री को पिलाने से उसे संतान की प्राप्ति होती है।

अपामार्ग की जड़ : अश्विनी नक्षत्र में
अपामार्ग की जड़ लाकर इसे तावीज में
रखकर किसी सभा में जाएं, सभा के लोग
वशीभूत होंगे।

नागर बेल का पत्ता : यदि घर में किसी वस्तु
की चोरी हो गई हो, तो भरणी
नक्षत्र में नागर बेल का पत्ता लाकर उस पर कत्था लगाकर व
सुपारी डालकर चोरी वाले स्थान पर रखें,
चोरी की गई वस्तु का पला चला जाएगा।

संखाहुली की जड़ : भरणी
नक्षत्र में संखाहुली की जड़ लाकर
तावीज में पहनें तो विपरीत लिंग वाले
प्राणी आपसे प्रभावित होंगे।

आक की जड़ : कोर्ट कचहरी के मामलों में
विजय हेतु आर्द्रा नक्षत्र में आक की जड़ लाकर
तावीज की तरह गले में बांधें।

दूधी की जड़ : सुख की
प्राप्ति के लिए पुनर्वसु नक्षत्र में दूधी
की जड़ लाकर शरीर में लगाएं।

शंख पुष्पी : पुष्य नक्षत्र में शंखपुष्पी
लाकर चांदी की डिविया में रखकर
तिजोरी में रखें, धन की वृद्धि
होगी।

बरगद का पत्ता : अश्लेषा नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर अन्न
भंडार में रखें, भंडार भरा रहेगा।

धतूरे की जड़ : अश्लेषा नक्षत्र में धतूरे
की जड़ लाकर घर में रखें, घर में सर्प
नहीं आएगा और आएगा भी तो कोई
नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
बेहड़े का पत्ता : पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बेहड़े का
पत्ता लाकर घर में रखें, घर ऊपरी हवाओं के प्रभाव से
मुक्त रहेगा।

नीबू की जड़ : उत्तरा फाल्गुनी
नक्षत्र में नीबू की जड़ लाकर उसे गाय के
दूध में मिलाकर निःसंतान स्त्री को पिलाएं, उसे पुत्र
की प्राप्ति होगी।

चंपा की जड़ : हस्त नक्षत्र में चंपा की
जड़ लाकर बच्चे के गले में बांधें, बच्चे की प्रेत बाधा
तथा नजर दोष से रक्षा होगी।
चमेली की जड़ : अनुराधा नक्षत्र में
चमेली की जड़ गले में बांधें, शत्रु
भी मित्र हो जाएंगे।

काले एरंड की जड़ : श्रवण नक्षत्र में एरंड
की जड़ लाकर निःसंतान स्त्री के गले में
बांधें, उसे संतान की प्राप्ति होगी।
तुलसी की जड़ : पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में
तुलसी की जड़ लाकर मस्तिष्क पर रखें,
अग्निभय से मुक्ति मिलेगी।

No comments: