Monday, July 31, 2017

वीर कंगन यंत्र क्षेत

वीर कंगन यंत्र क्षेत

साधक मित्रों को बताना चाहूंगा संक्षिप्त में......
वीर कंगन यंत्र क्षेत्र का एक ऐसा  दुर्लभ  और  दिव्य बलशाली यन्त्र हैं जो कंगन रूपी आकार में ,होता हैं।  जो की नाथ प्रणाली में सदियों से प्रचलित हैं , जिसका उपयोग ५२, वीरों को सिद्ध कर के उनसे भिन्न भिन्न कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाता हैं। हालाँकि ये आजकल बहोत ही  दुर्लभ हैं यह कंगन । .इस कंगन को  बनाने वाले भी और सिद्ध करनेवाले भी गिने चुने हीरह गए... हैं वो भी जिनके पास खानदानी यह विद्या उपलब्ध हैं । ( हमारे परम गुरु औघडनाथ गुरूजी  )उनमे से एक हैं } .इस कंगन की सिद्धि आम तौर पर मशान में की जाती हैं.... जो की हर एक के लिए इसकी साधना असम्भव हैं... (  मगर  कुछ लोग इंटर  नेट पर  लोगो को गुमराह कर के झूठा आश्वासन देते हैं की। ..  हम कंगन सिद्ध कर के दे रहे हैं... ५२ वीर आपके सामने आकर खड़े हो जायँगे ऐसा होगा वैसा होगा ) और मनघडंत विधि सामग्री बता कर  ये लोगो को बरगला कर  नकली कंगन बेचते हैं जो की किसी काम का नहीं होता महज धातु के बर्तन के सिवा । लोगो को आकर्षित करने के लिए उसमे क्या क्या डाला जाता  है कितना ग्राम डाला जाता हैं , ऐसे विधि का मूल्यांकन बता कर अपना नकली माल बेचने प्रयास चल रहा हैं कृपया ऐसे नेट मार्केटिंग वालो से बच के रहिएगा ).इस प्रकार कीबाते बता कर अपना व्यापार कर  रहे हैं। .कृपया साधक गन सावधान रहे  ( साधक मित्रो जरा सोचिये ) अगर एक मामूली पिशाच का साया इंसान पर पड जाये तो मामूली सा  साया भी इंसान की टट्टी पिशाब गुल कर देता हैं। .यहाँ पर तो वीरों को अपने बस में कर के उनसे काम लेने की बात हैं। ..क्या इतना आसान हैं ये...?। मित्रो ये नकली कंगन बेचने वाले यहाँ तक दावा करते हैं की ५२ बीर  सामने आकर  खड़े हो जायेंगे ) मैं उन चूतियों से पूछना चाहता हूँ की तुम्हारे बापने कभी एक बीर सिद्ध कर के    सामने खड़ा किया हैं क्या। ... जो झूठा दावा करते हैं ,  मित्रो आप् खुद ही सोचो आप अपने इष्ट को सिद्ध करते हो तब कितना कठोर प्रयास करने बाद भी  सामने नहीं आते और  न उनका असर पता चलता हैं , पता  चलने में भी काफी समय लग जाता हैं   .क्या आप उतनी क्षमता रखते हैं के इन वीरो को आप अपने बस में रख सको। . और विरोंसे  आसानी से कामले पाओगे । .. अगर हाँ तो ये कंगन आप अवश्य हमसे प्राप्त कर  सकते हैं ज्यादा इस कंगन के  बारे में लिखना उचित नहीं लगता क्यों  की बिर कंगन अपने आप में  एक दिव्य और दुर्लभ  वस्तु हैं। .इसे कुछ विशेष धातुओं से बनाना पडता हैं विशेषतांत्रिक क्रिया  सिद्धि के माध्यम से मंत्र संस्कार कर के तैयार किया जाता हैं  .और इस कंगन को  पूर्णताह विवस्र हो कर बनाया जाता हैं। ..    विशेष सिद्धियोग पर्वकाल ,अथवाग्रहण काल  में सिद्ध किया जाता हैं..... बहोत नियम में रह कर इसे सिद्ध कर के उपयोग में लाना पड़ता हैं। .अन्यथा स्वयं को हानि हो सकती हैं। . इस कंगन के ऊपर बावन बीरों को छोटी छोटी मूर्ति रूपी अकार में स्थापित किया जाता हैं...  जो की अभिमंत्रित   करके  स्थापित किया जाता हैं  । .कंगन के सिद्ध होने के पश्चात  इस कंगन से आप हर एक  प्रकार के भिन्न  कार्यों को कर   सकते  हैं।  साधक मित्रों से निवेदन हैं की कृपया इस कंगन का गलत उपयोग ना करे लोककल्याण के लिए इसे उपयोग में लाये अन्यथा स्वयं के हानि के जिम्मेदार आप स्वयं ही होंगे। ... .क्रमश। 

3 comments:

Unknown said...

आप से बात करना है नम्बर मिलेगा

Unknown said...

आप से बात करना है नम्बर मिलेगा

सिद्धनाथ औघड़ said...

अरे शर्म करो किसी का आर्टिकल चुरा कर कॉपी पेस्ट किया है । ये तो ।