Thursday, September 6, 2018

नक्षत्र


नक्षत्र 

भारतीय वैदिक ज्योतिष में नक्षत्र के सिद्धांत का वर्णन है। नक्षत्र के सिद्धांत अन्य प्रचलित ज्योतिष पद्धतियों से अधिक दावेदार और अचूक है। चन्द्रमा 27.3 दिन में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करता है। एक मासिक चक्र में चन्द्रमा जिन मुख्य सितारों के समूहों के बीच से गुजरता है, उसी संयोग को नक्षत्र कहा जाता है। चन्द्रमा द्वारा पृथ्वी की एक परिक्रमा में 27 विभिन्न तारा-समूह बनते है और इन्ही तारों के विभाजित समूह को नक्षत्र या तारामंडल कहा जाता है। प्रत्येक नक्षत्र एक विशेष तारामंडल या तारों के एक समूह का प्रतिनिधि‍ होता है। 

प्राचीन काल में ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों ने राशियों को सरलता से समझने के लिए 12 भागों में बाँट दिया था और आकाश को 27 नक्षत्रों में। इन नक्षत्रों की गणना ज्योतिष में महत्वपूर्ण योगदान के लिए की जाती है। वैदिक ज्योतिष में एक नक्षत्र को एक सितारे के समान समझा जाता है। सभी नक्षत्रों को 4 पदों में या 3 डिग्री और 20 मिनट के अन्तराल में बांटा गया है। आकाश मंडल के नौ ग्रहों को 27 नक्षत्रों का अर्थात हर ग्रह को तीन नक्षत्रों का स्वामि‍त्व प्राप्त है।  इस प्रकार प्रत्येक राशि में 9 पद शामिल हैं। चंद्रमा का नक्षत्रों से मिलन 'नक्षत्र योग' और ज्योतिष को 'नक्षत्र विद्या' कहा जाता है। 

27 नक्षत्र इस प्रकार है - 0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण इस प्रकार किया गया है - 

अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मॄगशिरा, आद्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेशा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती।

नक्षत्रों की विशेषताएं: आइये जानें 27 नक्षत्रों की विशेषताएं और उनका जातकों के गुण एवं स्वभाव पर प्रभाव 

1 अश्वनी नक्षत्र  

ज्योतिष शास्त्र में सबसे प्रमुख और सबसे प्रथम अश्विन नक्षत्र को माना गया है। अश्वनी नक्षत्र में जन्मे जातक सामान्यतः सुन्दर ,चतुर, सौभाग्यशाली एवं स्वतंत्र विचारों वाले और आधुनिक सोच के लिए मित्रों में प्रसिद्ध होते हैं। इस नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति बहुत ऊर्जावान होने के सथ-साथ हमेशा सक्रिय रहता है। इनकी महत्वाकांक्षाएं इन्हें संतुष्ट नहीं होने देतीं। ये लोग सभी से बहुत प्रेम करने वाले, हस्तक्षेप न  पसंद करने वाले, रहस्यमयी प्रकृत्ति के होते हैं। ये लोग अच्छे जीवनसाथी और एक आदर्श मित्र साबित होते हैं।

2 भरणी नक्षत्र

इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है, जिसकी वजह से इस नक्षत्र में जन्में लोग एक दृढ़ निश्चयी, चतुर, सदा सत्य बोलने वाले, आराम पसंद और आलीशान जीवन जीने वाले होते हैं। ये लोग काफी आकर्षक और सुंदर होते हैं, इनका स्वभाव लोगों को आकर्षित करता है। इनके अनेक मित्र होंगे और मित्रों में बहुत अधिक लोकप्रिय भी होंते है। इनके जीवन में प्रेम सर्वोपरि होता है और जो भी ये ठान लेते हैं उसे पूरा करने के बाद ही चैन से बैठते हैं। इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान हमेशा बना रहता है।

3 कृत्तिका नक्षत्र

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर सूर्य का प्रभाव रहता है, जिसकी वजह से ये लोग आत्म गौरव करने वाले होते हैं। इस नक्षत्र में जन्में जातक सुन्दर और मनमोहक छवि वाला होता है। वह केवल सुन्दर ही नहीं अपितु गुणी भी होते हैं। ना तो पहली नजर में प्यार जैसी चीज पर भरोसा करते हैं और ना ही किसी पर बहुत जल्दी एतबार करते हैं। इन लोगों का व्यक्तित्व राजा के समान ओजपूर्ण एवं पराक्रमी होता है। ये तेजस्वी एवं तीक्ष्ण बुद्धि के स्वामी, स्वाभिमानी, तुनक मिजाजी और बहुत उत्साहित रहने वाले होते हैं। ये लोग जिस भी काम को अपने हाथ में लेते हैं उसे पूरी लगन और मेहनत के साथ पूरा करते हैं।

4 रोहिणी नक्षत्र

रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा होता है और चंद्रमा के प्रभाव की वजह से ये लोग काफी कल्पनाशील और रोमांटिक स्वभाव के होते हैं। ये लोग काफी चंचल स्वभाव के होते हैं और स्थायित्व इन्हें रास नहीं आता। इन लोगों की सबसे बड़ी कमी यह होती है कि ये कभी एक ही मुद्दे या राय पर कायम नहीं रहते। ये व्यक्ति सदा दूसरों में गलतियां ढूँढता रहता है। सामने वाले की त्रुटियों की चर्चा करना इनका शौक होता है। ये लोग स्वभाव से काफी मिलनसार तो होते ही हैं लेकिन साथ-साथ जीवन की सभी सुख-सुविधाओं को पाने की कोशिश भी करते रहते हैं। विपरीत लिंग के लोगों के प्रति इनके भीतर विशेष आकर्षण देखा जा सकता है। ये शारीरिक रूप से कमज़ोर होते हैं इसलिए कोई भी छोटी से छोटी मौसमी बदलाव के रोग भी आपको अक्सर जकड़ लेते हैं।

5 मृगशिरा नक्षत्र

इस नक्षत्र के जातकों पर मंगल का प्रभाव होने की वजह से ये लोग स्वभाव से काफी साहसी, दृढ़ निश्चय चतुर एवं चंचल, अध्ययन में अधिक रूचि, माता पिता के आज्ञाकारी और सदैव साफ़ सुथरे आकर्षक वस्त्र पहनने वाले होते हैं। ये लोग स्थायी जीवन जीने में विश्वास रखते हैं और हर काम पूरी मेहनत के साथ पूरा करते हैं। इनका व्यक्तित्व काफी आकर्षक होता है और ये हमेशा सचेत रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके साथ धोखा करता है तो ये किसी भी कीमत पर उसे सबक सिखाकर ही मानते हैं। बुद्धिमान होने के साथ-साथ मानसिक तौर पर मजबूत होते हैं। संगीत के शौकीन और सांसारिक सुखों का उपभोग करने वाले होते हैं।

6 आर्द्रा नक्षत्र

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों पर आजीवन बुध और राहु ग्रह का प्रभाव रहता है। राहु का प्रभाव इन्हें राजनीति की ओर लेकर जाता है और इनके प्रति दूसरों में आकर्षण विकसित करता है। अध्ययन में रूचि अधिक और किताबों से विशेष लगाव आपकी पहचान होगी। सदैव ही अपने आस-पास की घटनाओं के बारे में जागरूक और व्यापार करने की समझ इनकी महान विशेषता है। ये लोग दूसरों का दिमाग पढ़ लेते हैं इसलिए इन्हें बहुत आसानी से बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। दूसरों से काम निकलवाने में माहिर इस नक्षत्र में जन्में लोग अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए नैतिकता को भी छोड़ देते हैं।

7 पुनर्वसु नक्षत्र

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के भीतर दैवीय शक्तियां होती हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्में व्यक्ति बेहद मिलन सार, दूसरों से प्रेमपूर्वक व्यवहार रखने वाले होते हैं। इनका शरीर काफी भारी और याद्दाश्त बहुत मजबूत होती है। ये लोग काफी मिलनसार और प्रेम भावना से ओत-प्रोत होते हैं। आप कह सकते हैं कि जब भी इन पर कोई विपत्ति आती है तो कोई अदृश्य शक्ति इनकी सहायता करने अवश्य आती है। ये लोग काफी धनी भी होते हैं। आपके गुप्त शत्रुओं की संख्या अधिक होती है

8 पुष्य नक्षत्र

ज्योतिषशास्त्र के अंतर्गत शनिदेव के प्रभाव वाले पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग दूसरों की भलाई के लिए सदैव तैयार रहते हैं और इनके भीतर सेवा भावना भी बहुत प्रबल होती है। इन्हें नित नए काम करने की प्रवृत्ति होती है और नए काम की खोज,परिवर्तन और अधिक परिश्रम इनकी विशेषता है। ये लोग मेहनती होते हैं और अपनी मेहनत के बल पर धीरे-धीरे ही सही तरक्की हासिल कर ही लेते हैं। ये लोग कम उम्र में ही कई कठिनाइयों का सामना कर लेते हैं इसलिए ये जल्दी परिपक्व भी हो जाते हैं। चंचल मन वाले ये लोग विपरीत लिंग के प्रति विशेष आकर्षण भी रखते हैं। इन्हें संयमित और व्यवस्थित जीवन जीना पसंद होता है।

9 अश्लेषा नक्षत्र

यह नक्षत्र विषैला होता है और इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के भीतर भी विष की थोड़ी बहुत मात्रा अवश्य पाई जाती है। लग्न स्वामी चन्द्रमा के होने के कारण ऐसे जातक उच्च श्रेणी के डॉक्टर, वैज्ञानिक या अनुसंधानकर्ता भी होते हैं। अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों का प्राकृतिक गुण सांसारिक उन्नति में प्रयत्नशीलता, लज्जा व सौदर्यौपासना है। इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति की आँखों एवं वचनों में विशेष आकर्षण होता है। ये लोग कुशल व्यवसायी साबित होते हैं और दूसरों का मन पढ़कर उनसे अपना काम निकलवा सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को अपने भाइयों का पूरा सहयोग मिलता है। चन्द्रमा के औषधिपति होने के कारण इस नक्षत्र में जन्मे जातक बहुत चतुर बुद्धि के होते हैं। 

10 मघा नक्षत्र: 

इस नक्षत्र को गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में रखा गया है। सूर्य के स्वामित्व के कारण ये लोग काफी ज्यादा प्रभावी बन जाते हैं। इनके भीतर ईश्वरीय आस्था बहुत अधिक होती है। इनके भीतर स्वाभिमान की भावना प्रबल होती है और बहुत ही जल्दी इनका दबदबा भी कायम हो जाता है। ये कर्मठ होते हैं और किसी भी काम को जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करते हैं। ये ठिगने कद के साथ सुदृढ वक्षस्थल, मजबूत झंघा, वाणी थोड़ी कर्कश एवं थोड़ी मोटी गर्दन के होते हैं। इनकी आँखें विशेष चमक लिए हुए, चेहरा शेर के समान भरा हुआ एवं रौबीला होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति प्रायः अपने पौरुष और पुरुषार्थ के प्रदर्शन के लिए सदा ललायित रहते हैं।

11 पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र

यदि आपका जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ है तो आप ऐसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं जो समाज में सम्माननीय हैं और जिनका अनुसरण हर कोई करना चाहता है। परिवार में भी आप एक मुखिया की भूमिका में रहते हैं। ऐसे लोगों को संगीत और कला की विशेष समझ होती है जो बचपन से ही दिखाई देने लगती है। ये लोग नैतिकता और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं।  शांति पसंद होने की वजह से किसी भी तरह के विवाद या लड़ाई-झगड़े में पड़ना पसंद नहीं करते। इनके पास धन की मात्रा अच्छी खासी होती है जिसकी वजह से ये भौतिक सुखों का आनंद उठाते हैं। ये लोग अहंकारी प्रवृत्ति के होते हैं।

12 उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र

इस नक्षत्र में जन्मा जातक दूसरों के इशारों पर चलना पसंद नहीं करते और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भरपूर प्रयास करते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग समझदार,बुद्धिमान, युद्ध विद्या में निपुण, लड़ाकू एवं साहसी होता है। आप देश और समाज में अपने रौबीले व्यक्तित्व के कारण पहचाने जाते हैं। ये दूसरों का अनुसरण नहीं करते अपितु लोग उनका अनुसरण करते हैं। आपमें नेतृत्व के गुण जन्म से ही होते हैं अतः आप अपना कार्य करने में खुद ही सक्षम होते हैं। सरकारी क्षेत्र में इनको सफ़लत मिलती है। ये लोग एक काम को करने में काफी समय लगा देते हैं। अपने हर संबंध को ये लोग लंबे समय तक निभाते हैं।

 13 हस्त नक्षत्र

यदि आपका जन्म हस्त नक्षत्र में हुआ है तो आप संसार को जीतने और उसपर शासन करने का पूरा पूरा सामर्थ्य एवं शक्ति रखते है। ये लोग बौद्धिक, मददगार, निर्णय लेने में अक्षम, कुशल व्यवसायिक गुणों वाले और दूसरों से अपना काम निकालने में माहिर माने जाते हैं। इन्हें हर प्रकार की सुख-सुविधाएं मिलती हैं और इनका जीवन आनंद में बीतता है। दृढ़ता और विचारों की स्थिरता इनको आम आदमी से भिन्नता और श्रेष्ठता प्रदान करती है। ये लोग अपने ज्ञान और समृद्धि के कारण जाने जाते हैं।

14 चित्रा नक्षत्र

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के स्वभाव में आपको मंगल ग्रह का प्रभाव दिखाई दे सकता है। ये लोग आकर्षक व्यक्तित्व वाले एवं शारीरिक रूप से संतुलित मनमोहक एवं सुन्दर आँखों वाले, साज-सज्जा का शौक रखने वाले और नित नए आभूषण एवं वस्त्र खरीदने वाले होते हैं। हर किसी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करते हैं, इन्हें आप सामाजिक हितों के लिए कार्य करते हुए भी देख सकते हैं। ये लोग विपरीत हालातों से बिल्कुल नहीं घबराते और खुलकर मुसीबतों का सामना करते हैं। परिश्रम और हिम्मत ही इनकी ताकत है। 

15 स्वाति नक्षत्र

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक मोती के समान चमकते हैं अर्थात इनका स्वभाव और आचरण स्वच्छ होता है। ये लोग सात्विक और तामसिक दोनों ही प्रवृत्ति वाले होते हैं। एक आकर्षक चेहरे और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं। आपका शरीर भीड़ से अलग सुडौल एवं भरा हुआ होता है। आप जैसा सोचते हैं वैसा करते हैं और दिखावा पसंद नहीं करते है। आप एक स्वतंत्र आत्मा के स्वामी है जिसको किसी के भी आदेश का पालन करना कतई पसंद नहीं। ये लोग राजनीतिक दांव-पेंचों को अच्छी तरह समझते हैं और अपने प्रतिद्वंदियों पर हमेशा जीत हासिल करते हैं।

16 विशाखा नक्षत्र

यदि आपका जन्म विशाखा नक्षत्र में हुआ है तो आप शारीरिक श्रम के स्थान पर मानसिक कार्यों को अधिक मानते हैं। शारीरिक श्रम करने से आपका भाग्योदय नहीं होता। मानसिक रूप से आप सक्षम व्यक्ति है और कठिन से कठिन कार्य को भी अपनी सूझ-बूझ  कर लेते हैं। पठन-पाठन के कार्यों में उत्तम साबित होते हैं ये लोग। ये लोग शारीरिक श्रम तो नहीं कर पाते लेकिन अपनी बुद्धि के प्रयोग से सभी को पराजित करते हैं। स्वभाव से ईर्ष्यालु परन्तु बोल चाल से अपना काम निकलने का गुण इनमे स्वाभाविक होता है। सामाजिक होने से इनका सामाजिक दायरा भी बहुत विस्तृत होता है। ये लोग महत्वाकांक्षी होते हैं और अपनी हर महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं।

17 अनुराधा नक्षत्र

इस नक्षत्र में जन्में लोग अपने आदर्शों और सिद्धांतों पर जीते हैं। इनका अधिकाँश जीवन विदेशों में बीतता है और विदेशों में रहकर ये धन और समाज में मान सम्मान दोनों कमाते है। ये लोग अपने गुस्से को नियंत्रित नहीं कर पाते इस कारण इन्हें कई बार बड़े नुकसान उठाने पड़ते हैं। ये लोग अपने दिमाग से ज्यादा दिल से काम लेते हैं और अपनी भावनाओं को छिपाकर नहीं रख पाते। ये लोग जुबान से थोड़े कड़वे होते हैं जिसकी वजह से लोग इन्हें ज्यादा पसंद नहीं करते। आप बहुत साहसी एवं कर्मठ व्यक्तित्व के स्वामी हैं।

18 ज्येष्ठ नक्षत्र

गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में होने की वजह से यह भी अशुभ नक्षत्र ही माना जाता है। आप दृढ़ निश्चयी और मज़बूत व्यक्तित्व के स्वामी है। आप नियम से जीवन व्यतीत करना पसंद करते हैं। आप शारीरिक रूप से गठीले और मज़बूत होते हैं तथा कार्य करने में सैनिकों के समान फुर्तीले होते हैं। आपकी दिनचर्या सैनिकों की तरह अनुशासित और सुव्यवस्थित होती है। खुली मानसिकता वाले ये लोग सीमाओं में बंधकर अपना जीवन नहीं जी पाते। ये लोग तुनक मिजाजी होते है और छोटी-छोटी बातों पर लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। किसी के बारे में आपके विचार शीघ्र नहीं बदलते और दूसरों को आप हठी प्रतीत होते हैा।

19 मूल नक्षत्र

यदि आपका जन्म मूल नक्षत्र में हुआ है तो आपका जीवन सुख समृद्धि के साथ बीतेगा। धन की कमी न होने के कारण ऐश्वर्य पूर्ण जीवन जीते है। आप अपने कार्यों द्वारा अपने परिवार का नाम और सम्मान और बढ़ाएंगे। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के परिवार को इनके दोष का भी सामना करना पड़ता है लेकिन इनकी कई विशेषताएं हैं जैसे कि इनका बुद्धिमान होना, इनकी वफादारी, सामाजिक रूप से जिम्मेदार आदि। इन्हें आप विद्वानों की श्रेणी में रख सकते हैं। ये कोमल हृदयी परन्तु अस्थिर दिमाग के व्यक्ति होते है। कभी आप बहुत दयालु और कभी अत्यधिक नुकसान पहुंचाने वाले होते है।

20 पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र

पूर्वाषाढा में जन्म लेने वाला जातक थोडा नकचढ़ा और उग्र स्वभाव के होने बावजूद कोमल हृदयी और दूसरों से स्नेह रखने वाला होता है। ये लोग ईमानदार, प्रसन्न, खुशमिजाज, कला, सहित्य और अभिनय प्रेमी, बेहतरीन दोस्त और आदर्श जीवनसाथी होते हैं। जीवन में सकारत्मक विचारधारा से अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। आपका व्यक्तित्व दूसरों पर हावी रहता है परन्तु आप एक संवेदनशील व्यक्ति हैं जो दूसरों की मदद के लिए सदैव तैयार रहते है। इन्हे अधिक प्रेम व सम्मान मिलता है परन्तु अपनी चंचल बुद्धि के कारण आप अधिक वफादार नहीं होते हैं और कभी-कभी अनैतिक कार्यों में भी लिप्त हो जाते हैं। 

21 उत्तराषाढ़ा नक्षत्र

उत्तराषाढा में जन्मा जातक ऊँचे कद, गठीले शारीर ,चमकदार आँखे ,चौड़ा माथा और गौर वर्ण के साथ लालिमा लिए हुए होते हैं। सफल एवं स्वतंत्र व्यक्ति, मृदुभाषी और सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार आपमें स्वाभाविक हैं। ईश्वर में आस्था, जीवन में प्रसन्नता और मैत्री, आगे बढ़ने में विश्वास आदि आपकी खासियत है। विवाह उपरान्त जीवन में अधिक सफलता एवं प्रसन्नता होती है। ये लोग आशावादी और खुशमिजाज स्वभाव के होते हैं। नौकरी और व्यवसाय दोनों ही में सफलता प्राप्त करते हैं। ये लोग काफी धनी भी होते हैं।

22 श्रवण नक्षत्र

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, माता-पिता के लिए अपना सर्वस्व त्यागने वाले श्रवण कुमार के नाम पर ही इस नक्षत्र का नाम पड़ा है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों में कई विशेषताएं होती हैं जैसे कि इनका ईमानदार होना, इनकी समझदारी, कर्तव्यपरायणता,एक स्थिर सोच, निश्छलता और पवित्र व्यक्ति होते है। ये लोग माध्यम कद काठी परन्तु प्रभावी और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी है। आजीवन ज्ञान प्राप्त करने की लालसा और समाज के बुद्धिजीवियों में आप की गिनती होती है। ये लोग जिस भी कार्य में हाथ डालते हैं उसमें सफलता हासिल करते हैं। ये लोग कभी अनावश्यक खर्च नहीं करते, जिसकी वजह से लोग इन्हें कंजूस भी समझ बैठते हैं। आप दूसरों के प्रति बहुत अधिक स्नेह की भावना रखते हैं इसलिए औरों से भी उतना ही स्नेह व सम्मान प्राप्त करते हैं

23 घनिष्ठा नक्षत्र

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा जातक सभी गुणों से समृद्ध होकर जीवन में सम्मान और प्रतिष्ठा पाता है। ये लोग काफी उर्जावान होते हैं और उन्हें खाली बैठना बिल्कुल पसंद नहीं होता। ये स्वभाव से बहुत ही नरम दिल एवं संवेदनशील व्यक्ति होते हैं। दान और आध्यत्म होते हैं। आपका रवैया अपने प्रियजनों के प्रति बेहद सुरक्षात्मक होता है किन्तु फिर भी आप दूसरों के लिए जिद्दी और गुस्सैल ही रहते हैं। ये लोग अपनी मेहनत और लगन के बल पर अपनी मंजिल हासिल कर ही लेते हैं। इन्हें दूसरों को अपने नियंत्रण में रखना अच्छा लगता है और ये अधिकार भावना भी रखते हैं। इन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवन जीना पसंद है।

24 शतभिषा नक्षत्र

शतभिषा नक्षत्र में जन्मा जातक बहुत साहसी एवं मजबूत विचारों वाला होता है। शारीरिक श्रम न करके हर समय अपनी बुद्धि का परिचय देते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग स्वच्छंद विचारधारा के होते है अत: साझेदारी की अपेक्षा स्वतंत्र रूप से कार्य करना पसंद करते हैं। ये लोग अत्यधिक सामर्थ्य, स्थिर बुद्धि और उन्मुक्त विचारधारा के होते हैं और मशीनी तौर पर जीना इन्हें कतई बरदाश्त नहीं होता। ये अपने शत्रुओं पर हमेशा हावी रहते हैं। समृद्धशाली होने के कारण अपने आस-पास के लोगों से सम्मान प्राप्त होता है।

25 पूर्वाभाद्रपद

गुरु ग्रह के स्वामित्व वाले इस नक्षत्र में जन्में जातक सत्य और नैतिक नियमों का पालन करने वाले होते हैं। साहसी, दूसरों की मदद करने वाले, मिलनसार, मानवता में विश्वास रखने वाले, व्यवहार कुशल, दयालु और नेक दिल होने के साथ-साथ खुले विचारों वाले होते हैं। ये लोग आध्यात्मिक प्रवृत्ति के साथ-साथ ज्योतिष के भी अच्छे जानकार कहे जाते हैं। ये लोग अपने आदर्शो और सिद्धांतों पर ही आजीवन चलना पसंद करते हैं।

26 उत्तराभाद्रपद

इस नक्षत्र में जन्में लोग हवाई किलों या कल्पना की दुनिया में विश्वास नहीं करते। ये लोग बेहद यथार्थवादी और हकीकत को समझने वाले होते हैं। व्यापार हो या नौकरी, इनका परिश्रम इन्हें हर जगह सफलता दिलवाता है। त्याग भावना, स्वभाव से एक दयालु धार्मिक होने के साथ-साथ वैरागी भी होते हैं। समाज में एक धार्मिक नेता, प्रसिद्द शास्त्र विद एवं मानव प्रेमी के रूप में प्रख्यात होते है। कोमल हृदयी हैं एवं दूसरों के साथ सदैव सद्भावना के साथ-साथ दुर्व्यवहार करने वाले को क्षमा और दिल में किसी के प्रति कोई द्वेष नहीं रखते। 

27 रेवती नक्षत्र

रेवती नक्षत्र में जन्मे जातक निश्चल प्रकृति के होते है। वो साहसिक कार्य और पुरुषार्थ प्रदर्शन की आपको ललक सदा ही रहती है। वो माध्यम कद,गौर वर्ण के होते है। इनके व्यक्तित्व में संरक्षण, पोषण और प्रदर्शन प्रमुख है। परंपराओं और मान्यताओं को लेकर ये लोग काफी रूढ़िवादी होने के बावजूद अपने व्यवहार में लचीलापन रखते हैं। इनकी शिक्षा का स्तर काफी ऊंचा होता है और अपनी सूझबूझ से ये बहुत सी मुश्किलों को हल कर लेते हैं।

1 comment:

AMIT GORDHANDAS DAVE said...

NAM SWAMI RAKHA PAR AAPNE AAPKA CO.NO.PRAGAT KARE.HELP ME AUM