सिंघासन योग:
अगर जन्म कुंडली के 6,8,2,3,12 भाव में सभी ग्रह विद्यमान हैं तो ऐसी ग्रह स्थिति में जातक राज सिंघासन पर बैठता है।
ध्वज योग:
अगर जन्म कुंडली के 8 भाव में पाप ग्रह हो तथा अन्य शुभ ग्रह लग्न में हो तो एसे योग में जातक समाज का नेता होता है।ईसे ध्वज योग कहते है।
हंस योग:
कुंडली के 5 9 7 तथा लग्न में सभी ग्रह हो तो ऐसा जातक अपने को पलने वाला होता है।इसको हंस योग कहते है।
कारिका योग:
अगर सूर्य आदि सातो ग्रह जन्म कुंडली के 10 और 11 भाव में हो या लग्न तथा 7 भाव में हो ऐसा जातक नीच कुल में भी क्यों नहीं जन्म लिया हो तो भी राजा या राजा के सामान अलंकृत् या सुशोभित होता है।
4 योग आज के लिए बाकि कल बताएँगे।
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