Tuesday, December 20, 2016

मंगलवार

मंगलवार

मंगलवार का सम्बन्ध आकाशमण्डल में गोचर करते हुए मंगल ग्रह से है , मंगल स्वभाव से अग्निकारी है आग का गोला है , कुण्डली में मंगल जिस स्थान पर बैठा हो उसे भी कहीं न कहीं हानि पहुंचा ही देता है और जिन स्थानों पर मंगल की चौथी - सातवीं - आठवीं दृष्टि पड़ जाये उन स्थानों का नुकसान भी कर देता है ।

मंगल जब भी राहू-केतु-शनि के साथ देख लो तो अंगारक दोष जान लो , जिस से जातक का स्वभाव झगड़ालू होता है , सगे भाई व् पक्के दोस्त भी धीरे धीरे उसके विरोधी हो जाते हैं ।

मंगल और बुध का मिलना जातक को अति चालक जालिम बना देता है , दूसरे दुष्ट ग्रहो के मेल से मंगल+बुध वाले जातक को मैंने कत्ल , लूट करते भी देखा है ।

मंगल और शुक्र का मिलन कामुक भाव तो पैदा करता है पर वो भाव मानसिक ही रह जाते हैं , पूर्ण काम सुख यथार्थ में हासिल नही हो पाता ।

मंगल अपने मित्र ग्रहों गुरु , सूर्य , चन्द्र  के साथ प्रसन्न रहता है पर शांत नही रह पाता क्योंकि मंगल स्वभाव से गर्म है , शास्त्रों में मंगल को धरती का पुत्र बताया गया है साथ ही मंगल के पास शिवपुत्र कार्तिकेय की शक्ति भी है ।
मंगल के देव हनुमान जी हैं इसलिए मंगल का शुभ आशीष लेने के लिए हनुमान जी सम्बंधित प्रयोग का सहारा लेना चाहिए ।

कुंडली में मंगल को बड़े ध्यान से जांचना चाहिए क्योंकि ये अधिकतर गर्म प्रभाव ही देता है ।

मंगल का रत्न मूंगा भी सोच समझ कर ही धारण करना चाहिए , कई बार मूंगे से ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित होते हुए देखा गया है , शरीर में ब्लड की बीमारी , ब्रेन हेम्ब्रेज भी मंगल के कारण होते हैं ।

मंगल की शनि और बुध के साथ नही जमती
मंगल का तालमेल  राहू और केतु के साथ भी मधुर नही है

जो लोग मंगल से पीड़ित हों उन्हें लाल हलवा बना कर हर मंगलवार बाँटना चाहिए ।

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