शनि ग्रह
शनि ग्रह और महिलाएं ..
शनि ग्रह तमोगुणी और पाप प्रवृत्ति का है। यह
सबसे धीमा चलने वाला , शीतल , निस्तेज , शुष्क ,
उदास और शिथिल ग्रह है। इसे वृद्ध ग्रह माना गया है। इसलिए इसे दीर्घायु प्रदायक या आयुष्कारक ग्रह कहा गया है।यह कुंडली में कान , दांत , अस्थियों , स्नायु , चर्म,शरीर में लोह तत्व व वायु तत्व , आयु , जीवन , मृत्यु ,जीवन शक्ति , उदारता , विपत्ति , भूमिगत
साधनों और अंग्रेजी शिक्षा का कारक है।
किसी भी स्त्री की कुंडली में अच्छा शनि उसे
उदार , लोकप्रिय बनता है और तकनीकी ज्ञान में
अग्रणी रखता है। वह हर क्षेत्र में अग्रणी हो कर
प्रतिनिधित्व करती है। राजनीति में भी उच्च पद
प्राप्त करती है।
दूषित शनि विवाह में विलम्ब कारक भी है। और
निम्न स्तर का जीवन साथी की प्राप्ति की
ओर भी संकेत करता है।
दूषित शनि स्त्री को ईर्ष्यालु और हिंसक भी
बना देता है।यह स्त्री में निराशा ,उदासीनता
और नीरसता का समावेश कर उसके दाम्पत्य जीवन
को कष्टमय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। और
धीरे - धीरे स्त्री अवसाद की तरफ बढ़ने लग जाती
है।
स्त्रियों में कमर -दर्द , घुटनों का दर्द या किसी
भी तरह का मांसपेशियों का दर्द दूषित शनि
का ही परिणाम है। चंदमा के साथ शनि स्त्री
को पागलपन का रोग तक दे सकता है। इसके लिए
स्त्री को काले रंग का परहेज़ और अधिक से अधिक
हलके और श्वेत रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
शनि को अनुकूल बनाने के लिए स्त्री को ना केवल
अपने परिवार के ही बल्कि सभी वृद्ध जनो का
सम्मान करना चाहिए। अपने अधीनस्थ
कर्मचारियों और सेवकों के प्रति स्नेह और उनके हक़
और हितों की रक्षा भी करें। देश के प्रति सम्मान
की भावना रखे। शनि इम्मंदारी और सच्चाई से
प्रसन्न रहता है।
क्यूंकि शनि को न्यायाधीश भी माना गया है
तो यह अपनी दशा -अंतर दशा में अपना सुफल या
कुफल जरुर देता है कर्मो के अनुसार।
शनि अगर प्रतिकूल फल दे रहा हो तो हनुमान जी
की आराधना करनी चाहिए। मंगलवार को
चमेली के तेल का दीपक हनुमान जी के आगे करना
चाहिए। शनि चालिसा , हनुमान चालीसा का
पाठ विशेष लाभ देगा। अगर शनि के कारण हृदय
रोग परेशान करता हो तो सूर्य को जल और
आदित्य -ह्रदय स्त्रोत का पाठ लाभ देगा और
अगर मानसिक रोग के साथ सर्वाइकल का दर्द हो
तो शिव आराधना विशेष लाभ देगी। काले और
गहरे नीले रंग का परित्याग शनि को अनुकूल बना
सकता है।
नीलम का धारण भी शनि को अनुकूल बनता है पर
किसी अच्छे ज्योतिषी से पूछ कर ही।
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